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माकपा राज्य समिति में 7 सदस्य आदिवासी समुदाय से

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रायपुर. “मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक न्याय और समानता की पक्षधर है. हमारी पार्टी ही है, जो पूरी ताकत से आरएसएस – भाजपा की सांप्रदायिकता और उसकी कॉर्पोरेट साजिशों का वैचारिक और जमीनी स्तर पर मुकाबला कर रही है.”

उक्ताशय के विचार माकपा के केंद्रीय सचिवमंडल के सदस्य और छत्तीसगढ़ प्रभारी जोगेंद्र शर्मा के हैं. शर्मा राज्य स्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि पार्टी जन विरोधी पूंजीवादी राजनीति का एक वैकल्पिक जन पक्षधर वामपंथी विकल्प पेश कर रही है. यही कारण है कि पूंजीवादी ताकतें हमारी पार्टी को खत्म करना चाहती है.

शर्मा ने कहा कि वे इसलिए सफल नहीं हो पा रही हैं, क्योंकि हमारी जड़ें इस देश के गरीबों और मेहनतकश जनता के बीच में है. इस देश के संविधान को बचाने, आर्थिक शोषण और जातिगत भेदभाव के खिलाफ हम न्याय की आकांक्षा रखने वाली सभी ताकतों को लामबंद करने की पहल छत्तीसगढ़ में भी करेंगे.

इसके लिए अपनी कमजोरियों को दूर करने की जरुरत शर्मा ने बताई. उन्होंने पार्टी संगठन और जन संगठनों को मजबूत बनाने का सँकल्प दोहराया.

छत्तीसगढ़ प्रभारी जोगेंद्र शर्मा माकपा के 8वें राज्य सम्मेलन के समापन के अवसर पर बोल रहे थे. इसके पहले सम्मेलन ने सर्वसम्मति से निवर्तमान राज्य सचिव एमके नंदी द्वारा पेश राजनैतिक – सांगठनिक रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया.

इस रिपोर्ट में माकपा ने पार्टी की स्वतंत्र ताकत और राजनैतिक हस्तक्षेप की क्षमता में वृद्धि करने की बात दोहराई गई. स्थानीय मुद्दों पर नतीजापरक आंदोलन विकसित करने की जरुरत पर जोर दिया गया.

आरएसएस – भाजपा की सांप्रदायिक – फासीवादी नीतियों और हिंदुत्व के एजेंडे के खिलाफ संघर्ष तेज करने के लिए धर्मनिरपेक्ष, वामपंथी, जनवादी ताकतों, सामाजिक आंदोलनों को लामबंद करने का निर्णय हुआ. उदारीकरण की नीतियों और इसके आम जनता की रोजी -.रोटी पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के खिलाफ संघर्ष तेज करने पर बात हुई.

महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने कहा गया. मजदूर किसान एकता को विकसित करने के काम को प्राथमिकता देने के साथ चिन्हित किया है.

सम्मेलन ने इन कामों को पूरा करने के लिए ब्रांच से लेकर राज्य समिति तक पार्टी संगठन को हर लिहाज से मजबूत करने का विचार हुआ. साधन – संपन्न बनाने तथा सोशल मीडिया के जरिए पार्टी के संघर्षों और हस्तक्षेपों का प्रभावी प्रचार करने जोर दिया गया.

पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़े पैमाने पर राजनैतिक रूप से शिक्षित करने का आह्वान किया गया है. सम्मेलन ने 2 रिक्त स्थानों के साथ 23 सदस्यीय राज्य समिति और 6 सदस्यीय सचिवमंडल का निर्वाचन किया गया है.

नए सचिव बने सिंह . . .

छत्तीसगढ़ माकपा के नए राज्य सचिव बाल सिंह चुने गए हैं. वे माकपा के युवा आदिवासी नेता हैं. राज्य समिति के अन्य सदस्य धर्मराज महापात्र, संजय पराते, वकील भारती, ऋषि गुप्ता, आरवी भारती (सभी सचिवमंडल सदस्य) ; एसएन बनर्जी, प्रशांत झा, वीएम मनोहर, जवाहर कंवर (कोरबा), ललन सोनी, सुरेंद्र लाल सिंह, कपिल पैकरा, नीलम सिंह (सूरजपुर), कृष्ण कुमार (बलरामपुर), पीएन सिंह (सरगुजा), समीर कुरैशी (धमतरी), राजेश अवस्थी (रायपुर), एसपी डे, डीवीएस रेड्डी (दुर्ग) तथा इंद्रदेव चौहान (कोरिया) हैं.

आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ की माकपा राज्य समिति में 7 सदस्य आदिवासी समुदाय से, 2 सदस्य दलित समुदाय से, 1 पिछड़ा वर्ग से तथा 1 अल्पसंख्यक समुदाय से है. माकपा राज्य समिति के अधिकांश सदस्य 50 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं. इस तरह पार्टी की नवगठित राज्य समिति सयानों के अनुभव और युवाओं के जोश के साथ राज्य की जनसांख्यिकी का भी प्रभावी प्रतिनिधित्व करती है.

सम्मेलन के दोनों दिन माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य रामचंद्र डोम उपस्थित थे. 7 बार सांसद रहे डोम ने विभिन्न विषयों और मुद्दों पर सम्मेलन का मार्गदर्शन किया. सम्मेलन में दोनों दिन ग्रामीण बच्चों द्वारा प्रभावशाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया.