कलेक्टर ने कृषि और संवर्गीय विभागों की योजनाओं की समीक्षा की, किसानों के आर्थिक विकास के लिए सार्थक कदम उठाने पर जोर
मोहला। कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने जिला कार्यालय के सभा में कृषि विभाग एवं संवर्गीय विभागों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने कहा कि कृषि और आनुशांगिक विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर किसानों और ग्रामीणों के आर्थिक विकास के लिए सार्थक प्रयास किया जाए। किसानों को बीज-खाद की उपलब्धता के साथ ही आर्थिक सहायता प्रदान करें, किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फसल ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। वहीं साग-सब्जी उत्पादन एवं उद्यानिकी फसल लेने और पशुपालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन सहित दूध उत्पादन जैसे आयमूलक गतिविधियों के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर उन्हें आवश्यक सहायता मुहैया कराया जाए।
कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्यपालन, पशु चिकित्सा, मत्स्य पालन, भूमि संरक्षण, एनआरएलएम एवं बीज निगम के विभागीय योजनाओं और कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश दिए। उन्होंने रबी फसल सीजन में सिंचाई संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप जिले में तिलहन, दलहन, कोदो, कुटकी, रागी की खेती को बढ़ावा देने पर बल देते हुए किसानों का चयन कर उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही रबी फसल सीजन में मिलेट्स की खेती के अंतर्गत रागी की पैदावार हेतु किसानों को प्रेरित कर ज्यादा से ज्यादा रकबा में रागी की पैदावार लेने पर जोर दिया। वहीं पुष्प फसल क्षेत्र विस्तार के तहत गेंदा फूल की खेती को प्रोत्साहित किए जाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि रबी फसल 2024 के तहत बोई जाने वाली फसलों के लिए बीज और खाद वितरण का कार्य निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार समय पर पूर्ण किया जाए, ताकि सभी किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित हो सके। कलेक्टर ने मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि विभाग मछली पालन से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करे, ताकि जिले के आम नागरिकों और किसानों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान मोबाइल वेटनरी यूनिट, पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय, और विभाग द्वारा संचालित कॉल सेंटर की प्रगति की जानकारी ली। इसके साथ ही कलेक्टर ने वाटरशेड प्रबंधन की समीक्षा के दौरान जिले में जल संरक्षण और मृदा संरक्षण की दृष्टि से निर्मित सभी वाटरशेड और माइक्रो-वाटरशेड परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। साथ ही, जिले में जल संरक्षण की आगामी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य प्रणाली और अधोसंरचना पर गहन चर्चा की।
बैठक के दौरान राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बीज ग्राम योजना, किसान समृद्धि योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना, राज्य पोषित योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन इत्यादि की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में उपसंचालक कृषि श्री जे एल मंडावी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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