श्रीमद् देवी भागवत की महिमा अपार : आचार्य पं. युवराज पाण्डेय
राजनांदगांव। डुमरडीहकला में कथा के चौथे दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया गया। सुबह यज्ञ हवन के बाद भागवत कथा की शुरुआत आरती और देवी जसगीत के साथ किया गया।
आचार्य पं. युवराज पाण्डेय ने अपने कथा में सुखदेव जी के गुरू बनाने की कथा कहते सगुण और निर्गुण ब्रह्म की उपासना की जाती है। भगवान की प्राप्ति के लिए कोई सगुण ब्रह्म का उपासक होता है, तो कोई निर्गुण ब्रह्म का उपासक होता है। इस संसार में दुराचारियों के लिए भगवान शगुन रूप में प्रकट होते हैं, फिर चाहे उनका भजन आप जिस रूप में चाहे, उस रूप में परमात्मा का भजन किया जा सकता है। कथा के अंतिम में पूजा-अर्चनाकर साथ जसगीत के साथ किया गया, जिसमें कथा में उपस्थित श्रोताओ ने संगीत में जमकर झूमे माता के जयकारे से कथा पंडाल गूंज उठे।
आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री धनेश पाटिला, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री थानेश्वर पाटिला, रमेश डाकलिया, क्षेत्रीय जनपद सदस्य सभापति ओमप्रकाश साहू, जनपद सदस्य शीला सिन्हा, कमलेश्वर सिंह, परदेशी सोनबोइर, गुलेश्वर दास वैष्णव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जजमान सरपंच दिनेश सिंह ठाकुर-सुनीता ठाकुर सहित हजारों भक्तजन शामिल हुए। कथा पश्चात प्रतिदिन शाम से रात तक चंडी महायज्ञ आचार्य पं. युवराज पाण्डेय के साथ पंडितों द्वारा कराया जा रहा है।
(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)