कौन हैं मकवाना जो एसीआर सुधरवाने सरकार से लड़ पडे़ थे

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भोपाल. अखिल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी कैलाश मकवाना को अपनी गोपनीय चरित्रावली (एसीआर) सुधरवाने सरकार से लिखापढी़ करनी पडी़ थी. साढे़ तीन साल के दौरान मकवाना सात मर्तबा स्थानांतरण का दंश झेल चुके हैं.

वह 1988 बैच के आईपीएस हैं. फिलहाल वह मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन के पद पर पदस्थ हैं.

32 वें डीजीपी होंगे . . .

मकवाना राज्य के 32 वें डीजीपी के रूप में एक दिसंबर को पदभार ग्रहण करेंगें. वर्तमान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना इस माह के अँत में सेवानिवृत्त हो जाएँगे.

प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने विदेश यात्रा पर रवाना होने के पहले नए डीजीपी के रूप में मकवाना को चुन लिया था. मकवाना उसी उज्जैन के मूल निवासी बताए जाते हैं जहाँ से मुख्यमंत्री यादव आते हैं.

डीजीपी बनने के चलते अब मकवाना की सेवानिवृत्ति तिथि में भी बदलाव हो गया है. पहले नियमित सेवानिवृत्ति तिथि 31 दिसंबर थी जो कि अब 30 नवंबर 2026 हो गई है.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जब शिवराज सिंह चौहान की सरकार हुआ करती थी तब लोकायुक्त के डीजी के पद पर मकवाना की नियुक्ति हुई थी. मकवाना ने यहाँ बैठते ही ईमानदारी से ऐसा काम किया कि बडे़-बडे़ अधिकारियों की रातों की नींद उड़ गई.

इसके बाद गोपनीय चरित्रावली का मसला उठा. सरकार से मकवाना ने शिकायत की थी कि लोकायुक्त डीजी रहते हुए उनकी एसीआर खराब की गई.

यदि एसीआर नहीं सुधरती तो मकवाना डीजीपी बनने की दौड़ में संभवतः शामिल भी नहीं हो पाते. वह तो भला हो वर्तमान मुख्यमंत्री का जिन्होंने एसीआर सुधारने का काम किया.

उनके निर्देश पर वरिष्ठ सचिवों की कमेटी ने साल की शुरुआत में एसीआर दुरुस्त कर दी. इसके बाद मकवाना का नाम बडी़ तेजी से डीजीपी बनने सुनाई पड़ने लगा.

शनिवार रात को जारी हुए एक आदेश से मकवाना की यह मुराद भी पूरी हो गई. डीजीपी बनने के पहले उन्होंने बहुत उठापटक देखी है.

साढे़ तीन साल के भीतर मकवाना को सात मर्तबा स्थानांतरण झेलने पडे़ थे. कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहने के दिनों में तीन दफा वह इधर से उधर किए गए थे.

उज्जैन जिले के रहने वाले मकवाना ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सँस्थान भोपाल से उच्च शिक्षा अर्जित की थी. वह इंटेलीजेंस और सीआईडी ब्रांच के भी डीजी रह चुके हैं.

छह माह के भीतर ही उन्हें डीजी लोकायुक्त पुलिस के पद से हटा दिया गया. यह उनकी बेदाग छवि का एक उदाहरण मात्र है.

वैसे साढे़ तीन साल का वह कार्यकाल उन्हें हमेशा याद रहेगा जब सात मर्तबा वह इधर से उधर किए गए थे. उम्मीद की जा रही है कि उनके डीजीपी बनने के बाद इतनी जल्दी जल्दी तबादला किसी और को झेलना नहीं पडे़गा.

फिलहाल के स्‍थानांतरण :
1. 2 दिसंबर 2022 से मध्‍यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन

2. 31 मई 2022 लोकायुक्‍त पुलिस म‍हानिदेशक

3. 1 दिसंबर 2021 मध्‍यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन

4. 31 मार्च 2020 एडीजी सीआईडी

5. 20 फरवरी 2020 एडीजी नार्कोटिक्‍स

6. 1 अक्‍टूबर 2019 एडीजी प्रशासन

7. 1 फरवरी 2019 एडीजी इन्‍टेलिजेंस

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