राजनीतिक दल अन्नदाता के अपमान पर भिड़े
रायपुर।
प्रदेश के राजनीतिक दल इन दिनों किसान और उनकी समस्याओं को लेकर बयानबाजी से पीछे नहीं हट रहे हैं। कोई अन्नदाता को बोनस देने की घोषणा कर रहा है तो कोई इससे शराब सेवन को बढ़ावा मिलने की बात कर रहा है। और तो और कोई अन्नदाता के अपमान को लेकर अपनी तेवरी चढ़ा कर बैठ गया है। कुलमिलाकर किसान की समस्या अपनी जगह है लेकिन उसे राजनीतिक भंवरचाल में फांस दिया गया है।
राज्य में भाजपा की सरकार है। सरकार द्वारा किसानों को बोनस दिया जा रहा है। इस पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उसी प्रतिक्रिया पर जोगी कांग्रेस प्रदेश में कांग्रेस के पीछे लग गई है।
कहां से शुरु हुआ मसला
ज्ञात हो कि किसानी मसला इन दिनों प्रदेश में छाया हुआ है। इस पर मरवाही विधायक अमित जोगी ने कांग्रेस और भाजपा की मानसिकता को किसान विरोधी बताया है। दोनों ही दल किसानों को शराबी बता कर अन्नदाता का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता चरणदास महंत के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनके इस तरह के बयान से किसानों के प्रति उनकी सोच उजागर होती है।
जोगी ने जारी बयान में कहा है कि एक तरफ कांग्रेस के नेता अन्नदाता को शराबी बताते हुए घूम रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा सरकार अफसरों पर दबाव बनाती है कि आत्महत्या करने वाले किसानों को शराबी-जुआरी साबित किया जाए।
मरवाही विधायक ने कहा कि पूर्व राज्यमंत्री महंत सत्ता में आने के लिए इतने लालची हैं कि किसानों से सहानुभूति जताने की बजाय उन्हें शराबी बता रहे हैं। वे यह भूल जा रहे हैं कि यही किसान अन्नदाता हैं और यही जब अन्न उपजाते हैं तब ही उनके सहित प्रदेश की जनता का पेट भरता है। ऐसे में अन्नदाताओं का यह अपमान जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) नहीं सहेगी।
जोगी ने कहा कि कांग्रेस यदि किसान हितैषी होती तो यह सरकार इतने बरसों से शासन नहीं कर रही होती, क्योंकि किसानों के साथ अन्याय तो रमन सरकार शुरु से करती आ रही है। यह वही कांग्रेस है जो महज प्रेस कांफ्रेस तक किसानों की हितैषी होती है।
उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ भाजपा भी ऐसी ही है। रमन सरकार किसानों के लिए घोषणाएं और वादे तो बड़े बड़े करती है, लेकिन हकीकत में उनके हिस्से कुछ नहीं आता। भाजपा के घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने का वादा कर भूलने वाली रमन सरकार ही है, और चुनाव नजदीक देख महज एक साल का बोनस आधे से भी कम किसानों को देने वाली भी रमन सरकार ही है।
यह वही सरकार है जो किसान आत्महत्याओं के बाद उन किसानों को शराबी अथवा जुआरी साबित करने का दबाव जिले के अफसरों पर डालती है और जिला प्रशासन अपनी झूठी जांच रिपोर्ट में यह साबित भी कर देता है। प्रदेश की भाजपा सरकार एक तरफ लंबे समय से कहती आ रही है कि शराबबंदी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं तो दूसरी ओर राजस्व के लालच में यह सरकार खुद ही शराब बेचने में लग गई। मुख्यमंत्री रमन सिंह मंत्रियों के मुखिया है या फिर व्यसायियों के।
अमित जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) सदैव किसानों के साथ है और रहेगी, यही वजह है कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के अध्यक्ष माननीय अजीत जोगी जी ने अपने शपथ पत्र में कहा है कि “मेरे छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों को 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का समर्थन मूल्य दूंगा। उन्होंने यह शपथ ली है कि, छत्तीसगढ़ के अधिकांश किसान भाइयों को पूर्णत: ऋण मुक्त कर दूंगा। इन किसान भाइयों द्वारा बैंकों से पूर्व में लिए गए ऋण की अदायगी उनकी सरकार करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी शपथ ली है कि वे छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी कड़ाई से लागू करेंगे।
मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा है कि अगर महंत किसानों को शराबी बताने वाले अपने बयान के लिए प्रदेश के अन्नदाताओं से माफी नहीं मांगेंगे तो जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कार्यकर्ता उनके आवास का घेराव कर माफी मांगने के लिए मजबूर करेंगे।