सुबोध सिंह : राजधानी के दो बार कलेक्टर रहने वाले पहले आईएएस

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रायपुर.

किसी भी प्रदेश की राजधानी का कलेक्टर बनना अखिल भारतीय सेवा (आईएएस) के प्रत्येक अधिकारी का ख्वाब होता है. कईयों का यह ख्वाब पूरा हो ही नहीं पाता है. ऐसे में यदि किसी आईएएस को एक नहीं बल्कि दो मर्तबा राजधानी का कलेक्टर बनने का सौभाग्य मिले तो उस आईएएस की प्रशासनिक पकड़ और क्षमता सहित उसकी ईमानदारी का इससे बडा़ सबूत नहीं हो सकता है.

ऐसे ही आईएएस अफसर हैं सुबोध सिंह. . . जिन्होंने दो मर्तबा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कलेक्टर की जिम्मेदारी का बोझ अपने मजबूत कँधों पर उठाया है. फिलहाल आईएएस सिंह प्रतिनियुक्ति पर केंद्र की सेवा में जुटे हुए हैं.

सुबोध को 1997 बैच का अधिकारी बताया जाता है. पहले उन्हें मध्यप्रदेश काडर आबंटित हुआ था. बाद में जब मप्र से पृथक होकर छत्तीसगढ़ अलग राज्य बन गया तब वह छत्तीसगढ़ आ गए.

यहाँ पर उन्होंने अपनी काबिलियत का अच्छा प्रदर्शन किया. दरअसल, रायपुर कलेक्टर रहते हुए सुबोध का तबादला इसी पद पर बिलासपुर किया गया था.

बिलासपुर में महती पारी खेलकर जब सुबोध वहाँ से स्थानांतरित किए गए तो उन्हें एक बार फिर से रायपुर का कलेक्टर बना दिया गया. ऐसा सौभाग्य प्राप्त करने वाले वह पहले आईएएस थे.

रायपुर कलेक्टर की दूसरी पारी के दौरान ही उन्हें तब के मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह अपने सीएम सचिवालय में ले गए थे. वहाँ उन्होंने लगातार आठ साल अपनी सेवा दी थी.

वह राज्य के एक और प्रमुख शहर रायगढ़ के भी कलेक्टर रह चुके हैं. राज्य में जब काँग्रेस की सरकार थी तब वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वर्ष 2020 में नई दिल्ली चले गए थे.

वहाँ उन्हें नागरिक आपूर्ति निगम का सँयुक्त सचिव बनाया गया. यहीं रहते हुए वह अतिरिक्त सचिव के पद पर पदोन्नत हुए थे. बाद में वह एनटीए के सीईओ बन गए थे. अब जाकर उन्हें इस्पात मँत्रालय में वित्तीय सलाहकार बनाया गया है.

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