अल्पसंख्यकों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास और बेहतर शिक्षा के लिए अनेक योजनाएं संचालित : धन्यकुमार जिनप्पा गुंडे
राजनांदगांव। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन्यकुमार जिनप्पा गुंडे ने आज न्यू सर्किट हाऊस डोंगरगढ़ के सभाकक्ष में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुखों की बैठक ली। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन्यकुमार जिनप्पा गुंडे ने कहा कि अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए किए गए कार्यों की जानकारी लेने एवं अल्पसंख्यक समुदायों से मिलने आए हैं। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन्यकुमार ने कहा कि अल्पसंख्यकों के सामाजिक विकास, आर्थिक विकास और बेहतर शिक्षा के लिए अनेक योजनाएं संचालित है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना वर्ष 1992 में की गई थी। अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में 6 धार्मिक समुदाय मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध, जैन और पारसी को अधिसूचित किया गया। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय को होने वाले लाभों को एवं उनको प्राप्त करने के लिए दिशा-निर्देशों के बारे में भी जानकारी दी। समाज प्रमुखों की शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि सभी धर्म अपने बच्चों को बहुत अच्छे संस्कार सिखाते है। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वरोजगार के लिए शासन की अनेकों योजनाएं संचालित है, इसका लाभ लेने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के स्कूली बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके साथ उच्च शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्ति पात्रतानुसार दिया जाता है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित है, उसका लाभ लेने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के लिए 50 हजार रूपए से 30 लाख रूपए तक का ऋण दिया जाता है। स्वरोजगार के लिए महिलाओं को 30 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण दिया जाता है।
अल्पसंख्यक समुदाय के बौद्ध समाज, जैन समाज, ईसाई समाज, मुस्लिम समाज के समाज प्रमुखों ने अपने समुदाय के मूलभूत आवश्यकताओं के संबंध में अवगत कराया। समाज प्रमुखों ने बच्चों के लिए लाईब्रेरी, एप्रोच सीसी रोड, पेयजल, शौचालय, बाउंड्रीवाल, प्रकाश जैसी मूलभूत सुविधाओं के संबंध में अवगत कराया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन्यकुमार जिनप्पा गुंडे की धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला गुंडे, प्रकाश कुमार जैन, एसडीएम डोंगरगढ़ मनोज मरकाम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सुश्री दीक्षा गुप्ता, तहसीलदार मुकेश ठाकुर, अल्पसंख्यक समुदाय के बौद्ध समाज, जैन समाज, ईसाई समाज, मुस्लिम समाज के प्रमुख उपस्थित थे।
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