क्यूं नहीं फहरा तिरंगा : नांदगाँव के बैंकों की वित्त मँत्री से शिकायत !
पीयूष शर्मा ने बैंकों के खिलाफ खोला मोर्चा
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राजनांदगाँव.
15 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस पर्व पर भी राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराना राजनांदगाँव के कई बैंकों को महँगा पड़ सकता है. इस विषय पर माननीय वित्त मँत्री से शिकायत की गई है. बैंकों के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पीयूष शर्मा ने राष्ट्र और राष्ट्रीयता की अनदेखी करने वाले बैंक प्रबँधकों पर कार्रवाई के लिए की गई शिकायत की प्रतिलिपि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर को भी भेजी है.
उल्लेखनीय है कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के आयोजन को लेकर एक नई तरह की जागरूकता लोगों में नज़र आ रही थी. प्रधानमंत्री के हर घर तिरंगा, घर घर तिरंगा अभियान से प्रभावित होकर हिंदुस्तान के एक आम आदमी के परिवार के सदस्य पीयूष शर्मा ने डाक्यूमेंटरी बनाने की सोच रखी थी.
. . . लेकिन निराशा हुई
पीयूष डाक्यूमेंटरी बनाने की तैयारी में घर से निकले ही थे कि उन्हें बेहद निराश होना पडा़. दरअसल, बैंक की पहली ही शाखा (गँजलाईन स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक) सूनी पडी़ थी.
वहाँ न तो कोई ध्वज फहराया गया था और ना ही किसी भी तरह की स्वतंत्रता दिवस की खुशियाँ मनाने की गई तैयारी देखने को मिली थी. इससे आहत पीयूष ने तत्काल निर्णय में परिवर्तन करते हुए बैंक दर बैंक जाने का फैसला किया था.
तब पीयूष को राजनांदगाँव के अधिकाँश बैंकों में राष्ट्रीय पर्व पर ध्वज फहराते हुए नहीं मिला था. अपनी राष्ट्रीय भावना को लगी ठेस का असर पीयूष पर ऐसा हुआ कि वह तकरीबन सप्ताह भर तक एक तरह से मौन साधे रहा.
पीयूष की ऐसी नाजुक स्थिति से परेशान उसके परिजनों ने जब उससे निराशा का कारण पूछा तो उसने बैंकों द्वारा देश के साथ की गई नाफरमानी की बात बताई. फिर उन्हीं की सलाह पर पीयूष ने बैंकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
अब पीयूष ने माननीय प्रधानमंत्री के अभियान का उल्लेख करते हुए केंद्रीय वित्त मँत्री को एक शिकायती पत्र लिखा है. इस पत्र की प्रतिलिपि आरबीआई के गवर्नर को भी प्रेषित करने वाले पीयूष ने उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है.
किन बैंकों ने नहीं फहराया था तिरंगा ?
इंडियन ओवरसीज बैंक के अलावा रामाधीन मार्ग स्थित पँजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बडौदा की सभी शाखाएँ, जय स्तँभ चौक स्थित इंडियन बैंक, आईडीबीआई बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया की कलेक्टोरेट ब्रांच, पँजाब एंड सिंध बैंक, इंडसइंड बैंक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एचडीएफसी बैंक पीयूष के शिकायती पत्र में उल्लेखित हैं.