ट्रेनों के रद्द होने का मामला होने लगा चुनावी
नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। ट्रेनों के रद्द होने का मामला अब चुनावी होने लगा है। नेशन अलर्ट ने इस संबंध में पहले ही खबर प्रकाशित की थी। आज उस समय इस पर मुहर भी लग गई जब कांग्रेस ने ट्रेनों के निरस्तीकरण को लेकर भाजपा और यहां से सांसद चुने गए भाजपा नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
कांग्रेस ने बकायदा इस संबंध में आज एक पत्रकार वार्ता भी ली। इसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने मीडिया संभालने वाले कांग्रेस के अन्य नेताओं की मौजूदगी में भाजपा पर रख रखकर आरोपों की बारिश की।
क्या डरते हैं ?
शुक्ला ने बिलासपुर सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि क्या वे प्रधानमंत्री से डरते हैं जो छत्तीसगढ़ के लोगों की परेशानियों के संबंध में रेल से जुड़े मसले नहीं उठाते हैं। शुक्ला ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किए जाने की भी जानकारी दी।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें निरस्त हुई थी। इसके अगले साल इन आंकड़ों में थोड़ी कमी आई और 32151 ट्रेनें निरस्त की गई। 2022 में 20474 और 2023 में अप्रेल तक 208 ट्रेनें निरस्त हो चुकी है।
और तो और अगस्त तक 24 ट्रेनें छत्तीसगढ़ में निरस्त की जा चुकी है। इससे छत्तीसगढ़वासियों को होने वाली परेशानियों का उल्लेख करते हुए शुक्ला ने कहा कि अब कांग्रेस इस विषय पर चरणबद्ध आंदोलन छेड़ने जा रही है। 9 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों में ज्ञापन देने के साथ ही पत्रकार वार्ता कांग्रेसी करेंगे।
10,11 और 12 सितंबर का कार्यक्रम बताते हुए शुक्ला कहते हैं कि इस दिन पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शन करते हुए जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। 13 सितंबर को 1 घंटे का प्रतिकात्मक रेल रोको आंदोलन की जानकारी देते हुए उन्होंने भाजपा पर रेल्वे को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी करने का आरोप मढ़ दिया है।