साल दर साल घट रही फूड डिलीवरी एजेंट्स की आय
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राजनांदगांव/रायपुर। जोमैटो, स्वीगी जैसी फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियों में काम करने वाले एजेंट्स की आय साल दर साल घट रही है। 2019 में जहां इन्हें 13470 रूपए मिलते रहे होंगे वहीं 2022 में यह राशि 11963 रूपए तक गिर चुकी थी।
यह आंकड़ा नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की रपट से लिया गया है। औसत वास्तविक आय में गिरावट का यह सिलसिला बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। रपट बताती है कि 11 घंटे काम करने वाले फूड डिलीवरी एजेंट की आय तकरीबन 11.1 फीसदी कम हो चुकी है। ये सभी एजेंट्स औसत शिक्षा स्तर पर 10+2 उत्तीर्ण रहे हैं।
बिजनेस स्टैंडर्ड की आर्थिक नीति थिंक टैंक की रपट के अनुसार 5 घंटे काम करने वाले डिलीवरी एजेंट्स फिलहाल 7157 रूपए प्राप्त करते होंगे। पहले इन्हें 7999 रूपए मिलते रहे होंगे। मतलब इसमें भी 10.4 फीसद की गिरावट देखी जा रही है।
कहां और कैसे किया अध्ययन
बताया जाता है कि एनसीएईआर की टीम ने 28 शहरों में एक अध्ययन किया था। इनमें 924 खाद्य वितरक मंच के श्रमिकों की लंबी और छोटी पाली सहित सप्ताहांत के आधार पर मूल्यांकन को आधार बनाया गया। रपट के अनुसार 70 फीसदी एजेंट्स टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों से आए हुए गैर प्रवासी थे।
बढ़ती महंगाई के बीच इस तरह से आय कम होने के चलते डिलीवरी एजेंट्स के सामने काम करने में भी मुश्किलें आ रही है। 9.3 घंटे की तुलना में काम करने के अवधि 19 फीसद बढ़कर भले ही 10.9 घंटे हो गई है लेकिन अब भोजन पहुंचाने में एजेंट्स को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ज्यादा कि कुछ मामलों में बढ़ रहा तनाव व्यक्तियों को नुकसान भी पहुंचा रहा है।