क्यों गौरी को महिला भागीरथी पुकारते हैं लोग..!
हैदराबाद।
पानी की किल्लत और जरूरत के जूझ रही हैदराबाद की एक 51 वर्षीय महिला ने एक मई मिसाल पेश की है। इस महिला ने अकेले ही 3 महीने की अथक मेहनत के बाद 60 फीट गहरा कुआं खोद डाला जिसके बाद लोगों ने इसे महिला भागीरथी का नाम दिया है।
याद दिला दें कि राजा भागीरथ ही उत्तर भारती की सूखती हुई धरती में हरियाली लाने के लिए गंगा को अवतरित कराकर लाए थे। अत: जल संरचनाओं के मामले में असंभव को संभव बनाने वाले व्यक्ति को भागीरथ कहा जाता है।
एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार हैदराबाद के उत्तर कन्नडा जिले में स्थित गणेश नगर में रहने वाली गौरी एस नाइक चाहती थीं कि उन्हें उनके नारियल और ऐरेका के पौधों के लिए तैयार पानी मिल जाए लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो कुआं खुदवा सके।
इसके बाद उन्होंने बड़ा कदम उठाते हुए अकेले ही कुआं खोदना शुरू कर दिया और सिर्फ तीन महीने में इसे पूरा करते हुए पानी निकाल दिया। गौरी हर रोज 5-6 घंटे काम करती और करीब 4 फीट खोद देती। इस पूरे काम में उन्होंने तीन महिलाओं की मदद सिर्फ इसलिए ली कि वो खुदाई से निकलने वाली मिट्टी को बाहर फेंक दे। खुदाई पूरी होने के बाद अब इस कुएं में 7 फीट पानी है।