गांजा तस्करी : छग को पता नहीं, मप्र पुलिस ने पकड़ा नांदगांव का ट्रक
नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
जबलपुर/राजनांदगांव। गांजा लेकर उड़ीसा से निकले ट्रक ने छत्तीसगढ़ राज्य पार कर लिया लेकिन यहां की पुलिस को खबर ही नहीं लगी। मध्यप्रदेश की जबलपुर पुलिस ने राजनांदगांव के इस ट्रक को तकरीबन चार करोड़ की कीमत वाले 20 क्विंटल गांजे को अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
गांजा छत्तीसगढ़ के पड़ोसी प्रांत उड़ीसा से लाया जा रहा था। विधानसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ की पुलिस को ट्रक (सीजी 08 एल 3830) में 20 क्विंटल किलो गांजा लदा होने के बावजूद इसकी खबर ही नहीं हुई। ट्रक उड़ीसा से छत्तीसगढ़ होते हुए मध्यप्रदेश के जबलपुर तक पहुंच गया था।
ट्रक में लदी थी लकडि़यां
गांजा तस्करी की यह खबर इतनी बड़ी थी कि जबलपुर के एडीजी उमेश जोगा और एसपी तुषारकांत विद्यार्थी बरामद माल को देखने घटनास्थल पहुंच गए थे। ट्रक में लकडि़यां लादी गई थी। लकडि़यों के बीच बीच में 5,10,20,25 और 30 किलो के गांजे के पैकेट बनाकर उसे छिपाकर रखा गया था।
चालक महेश कुमार व सहयोगी मोहम्मद के साथ 26 अगस्त को उड़ीसा से निकला था। जहां पर भी इन्हें यदि रोका गया तो ये यह बोलते हुए आगे बढ़ गए कि सरकारी ठेके की लकडि़यां हैं। ऐसा करके यह जबलपुर तक पहुंच गए थे।
जबलपुर की तिलवारा पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर इस ट्रक को रोका था। ट्रक में लदी लकडि़यों को जब खाली कराया गया तो बीच बीच में रखे गांजे के पैकेट बरामद हुए। गांजे के इन पैकेट्स को हरियाणा और राजस्थान पहुंचाना था।
नांदगांव का है ट्रक
गांजा तस्करी में पकड़ाया यह ट्रक दरअसल नांदगांव का है। ट्रक के मालिक का नाम पलास राय बताया जाता है। राय के अलावा वेदप्रकाश शर्मा सहित हमीरपुर उत्तरप्रदेश निवासी चालक महेश कुमार और सहयोगी मोहम्मद शकील के अलावा मुख्य आरोपी शकील मंसूरी, उमरकोट उड़ीसा निवासी आपूर्तिकर्ता काला के खिलाफ जुर्म पंजीबद्ध हुआ है।
पलास राय ने ट्रक के मालिक से यह गाड़ी खरीदी थी। इसकी आरसी इस साल 18 मई को समाप्त हो चुकी है। पिछले साल 16 नवंबर को ट्रक का पीयूसी भी खत्म हो चुका है। जबकि पिछले साल के ही 18 नवंबर को इसका बीमा भी खत्म हो चुका है। इस साल 10 जुलाई को इसकी परमिट खत्म हो चुकी थी। पलास को मूलत: कोंडागांव निवासी बताया जाता है।