शपथ पत्र दिया लेकिन स्वीकृति निरस्त नहीं की
नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
अंबिकापुर। ग्राम हरिहरपुर में हसदेव अरण्य बचाओ का नारा एक दो दिन नहीं बल्कि 550 दिनों से भी अधिक समय से सुनाई दे रहा है। जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे वैसे संघर्ष का माद्दा और तेज हुए जा रहा है। अब तो क्षेत्र की महिलाओं ने विधानसभा चुनाव के समय पूरे प्रदेश में घुमकर जनता से समर्थन जुटाने की सोच रखी है।
उल्लेखनीय है कि परसा कोल ब्लॉक की स्वीकृति का मसला इस आंदोलन का कारण बना हुआ है। हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। अब सरकार के खिलाफ बड़ी तेजी से माहौल बनने लगा है।
फर्जी ग्राम सभा की जांच भी नहीं
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक सदस्य आलोक शुक्ला बताते हैं कि रामलाल कारियम, सुनीता पोर्ते, मुनेश्वर पोर्ते सहित कई अन्य ने राजधानी रायपुर तक पदयात्रा की थी। इस पदयात्रा का समापन मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद हुआ था।
मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान उन्हें बताया गया था कि गांव में फर्जी आम सभा कर सहमति ली गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांच कराने की बात कही थी लेकिन आज दिनांक तक फर्जी ग्राम सभा की कोई जांच नहीं हुई है।
प्रथमेश मिश्रा (बिलासपुर), चंद्रप्रदीप बाजपेयी, सतीश श्रीवास्तव सहित ग्राम लोखंडी से बड़ी संख्या में महिलाएं हसदेव को बचाने के आंदोलन में शामिल होने पहुंची थीं। सभी ने एक सुर से कहा कि यदि वास्तव में राज्य सरकार हसदेव को बचाना चाहती है तो वह परसा कोल ब्लॉक को दी गई पर्यावरण और वन स्वीकृति को निरस्त करे।
उल्लेखनीय है कि हसदेव अरण्य का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है। देश के उच्चतम न्यायालय में राज्य सरकार ने एक शपथ पत्र देकर यह कहा था कि हसदेव अरण्य में अब कोल माइंस के लिए जमीन नहीं दी जाएगी।
ग्रामीणों के मुताबिक इसके बावजूद अभी तक परसा कोल ब्लॉक के लिए राज्य शासन द्वारा जारी की गई पर्यावरण और वन स्वीकृति निरस्त नहीं हो पाई है। बिलासपुर से पहुंचे अजय पाठक ने कहा कि आज जो खदान का समर्थन करते हैं वही लोग कल पछताएंगे।
अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए पाठक ने कहा कि जंगल उजड़ जाएगा, कोयला निकल जाएगा उसके बाद सिर्फ विनाश ही रह जाएगा। कई जिलों तक फैले हसदेव अरण्य में कोयला खदान शुरू करने का विरोध अब निर्णायक मोड़ पर है।
बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में इसे एक एक विधानसभा क्षेत्र में प्रचारित करने की रणनीति तैयार की गई है। संयोजक सदस्य शुक्ला के मुताबिक हसदेव की महिलाओं का एक समूह उसे बचाने जनता से अपील करने छत्तीसगढ़ के प्रवास पर निकलने वाला है।