अमित जोगी : टूट कर बिखरने लगे हैं
नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी जीवन के कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इतना कठिन दौर है कि वह टूटकर बिखरने भी लगे हैं। राजनीतिक चुनौतियों के बीच उनके घर परिवार की दिक्कतें उनकी परीक्षा ले रही हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी ने एक तरह से अमित जोगी की ही सलाह और दबाव पर कांग्रेस से नाता तोड़कर पृथक से अपना दल गठित किया था। इस दल का नाम जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे रखा गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के रहते 2018 के विधानसभा चुनाव हुए। राजनीतिक उठापठक के मध्य जोगी के दल ने बहुजन समाज पार्टी से हुए गठबंधन के बीच प्रदेश में एक तरह से तीसरी शक्ति के उदित होने का भान कराया था।
तब जोगी की पार्टी के पांच और उनके सहयोगी दल बसपा के दो विधायक चुने गए थे। धीरे धीरे जोगी का स्वास्थ्य गड़बड़ाते गया और उन्होंने बीच में ही संसार से विदा ले ली। इसके बाद हुए मरवाही विधानसभा उपचुनाव में भी अमित जोगी अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य को पिता की सीट से प्रतिनिधित्व करने का अवसर नहीं मिल पाया।
अंतत: यह सीट कांग्रेस ने जोगी कांग्रेस से छिन ली। इसके बाद खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भी यही हश्र हुआ। खैरागढ़ विधायक रहे देवव्रत सिंह के अकास्मिक निधन के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने यशोदा वर्मा को विधायक बनाकर यह सीट जोगी कांग्रेस से छिन ली।
इधर, लोरमी विधायक ठाकुर धरमजीत सिंह व बलौदाबाजार विधानसभा से विधायक चुने गए प्रमोद शर्मा के साथ अमित जोगी के संबंध पटरी से धीरे धीरे कर उतरते गए। एक समय ऐसा भी आया कि उन्होंने सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया जो कि बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
जबकि प्रमोद शर्मा ने विधानसभा के अंतिम सत्र के समापन के बाद जोगी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। अब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की इकलौती विधायक श्रीमति रेणु जोगी का स्वास्थ्य काफी समय से ऊपर नीचे होते रहा है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कोटा विधानसभा सीट जीतकर जो विश्वास जताया था वह अमित जोगी के कार्यकाल में क्षीण हुए जा रहा है।
गंभीर बीमारी से ग्रसित है अयान
पूर्व मुख्यमंत्री जोगी के पोते और अमित जोगी के सुपुत्र अयान जोगी को गंभीर रूप से बीमार बताया जाता है। बीमारी भी ऐसी कि जिससे संसार के 500 बच्चे ही पीडि़त हैं। एटेक्सिया टेलेंगानाजेस्टासिया नामक यह एक ऐसी बीमारी है जो कि एक लाख बच्चों में से मात्र किसी एक को ही होती है।
4 अगस्त को जब अयान का जन्मदिन था तब वह अपने पिता के साथ इलाज कराने वैल्लूर गया हुआ था। वैल्लूर में ही श्रीमति जोगी की मेडिकल की शिक्षा दीक्षा हुई थी। अपनी मां के पूर्व परिचित चिकित्सकों की देखरेख में अमित ने अपने पुत्र अयान का जब स्वास्थ्य परीक्षण कराया तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उनका पुत्र ठीक से चलने, बोलने, निगलने में तकलीफ भोगेगा।
अयान सामान्य मस्तिष्क विकास में भी पीछे रह जाएगा। संभवत: इसी के बाद अमित जोगी खोए खोए नजर आते हैं। वह छत्तीसगढ़ की राजनीति में भी इन दिनों वैसी रूचि नहीं ले रहे हैं जैसी लेते रहे हैं। और तो और उन्हें बेहद कम घर से निकलते भी देखा जाता है।
हालांकि जोगी और उनका पूरा परिवार स्वस्थ रहे ऐसी कामना हर किसी की है लेकिन अमित अपने पिता के जाने के बाद अपनी मां और अपने पुत्र की गंभीर बीमारी के अवसाद में डूबे हुए नजर आते हैं। इसीकारण वह टूटकर बिखरने से प्रतीत हो रहे हैं।