टीआई तो गए… एसडीओपी, एएसपी, एसपी का क्या होगा..?
पंकज शर्मा
नगर निरीक्षक (टीआई) अमित बेरिया कुछ समय तक के लिए काम के नहीं रह गए हैं. दरअसल, उन्हें निलंबित कर दिया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब कोचिया से रुपए की मांग की थी. अब सवाल यहां इस बात का उठता है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन जिले में सांसद की नाक के नीचे, राजनांदगांव जिले से भाजपा की इकलौती विधायक के क्षेत्र में ऐसी हिम्मत क्यूं कर हुई?
दरअसल, अमित बेरिया पर हुई कार्रवाई कई तरह के सवाल खड़ी करती है. क्या पुलिस प्रशासन में सिर्फ एक ही अमित बेरिया हैं? क्या मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरुप शराब कोचियों पर सिर्फ अमित बेरिया लगाम नहीं लगा पाएं हैं? क्या इसके लिए अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) व पुलिस अधीक्षक (एसपी) जिम्मेदार नहीं हैं?
जो हुआ अच्छा हुआ लेकिन…
अमित बेरिया का निलंबन अच्छी खबर है. उनके लिए जो नियम पर भरोसा करते हैं और सरकार की मंशा से इत्तेफाक रखते हैं. लेकिन क्या एक दिन में कोई अमित बेरिया बन सकता है? क्या, अमित बेरिया ने इससे पहले गलती नहीं की होगी? याद करिए, नवरात्र का वह समय जब अपने से वरिष्ठ अधिकारी के लिए कक्ष की मांग करते हुए अमित बेरिया ने बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी की कथित तौर पर धुनाई कर दी थी.
तब क्या कुछ हुआ और क्या कार्रवाई की गई यह पुलिस के अलावा कोई नहीं जानता है. यदि तब ही अमित बेरिया पर लगाम कसने पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी दिखाता तो आज का दिन उसे देखना नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्यूंकि मामला महकमे से जुड़ा था.
अमित बेरिया यहीं गलती कर गए. उन्होंने अपने आपको सर्वेसर्वा समझ लिया. इस बार वह अपने खिलाफ सबूत भी छोड़ आए. पुराने मामले में अब जाकर कार्रवाई क्यूंकर हुई है यह सवाल लोगों को परेशान कर रहा है. दरअसल, मामले में एसडीओपी, एएसपी व एसपी उतने ही दोषी हैं जितने दोषी अमित बेरिया हैं. तो क्या, सरकार इन सब पर भी उसी तरह की कार्रवाई करेगी जो अमित बेरिया पर की गई है?
यहां देखिए कथित तौर पर अमित बेरिया से जुड़े वीडियो..