सीएम भूपेश की घोषणा पर फिर ताजा हुआ आदिवासी किसान की आत्महत्या का जख्म… परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल सका… आरोप – खुज्जी विधायक और प्रशासनिक अमले ने मिलकर मामले को रफा-दफा कर दिया
राजनांदगांव | nationalert.in
खुज्जी विधानसभा के ग्राम केरेगांव निवासी आदिवासी किसान सुरेश नेताम ने 15 दिसंबर 2021 को फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी ईहलीला समाप्त कर ली थी। 14 माह बीत जाने के बाद भी आज उसका परिवार न्याय का मोहताज है।
प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की सीमा बढ़ाकर 20 एकड़ किए जाने के सीएम के फैसले के बाद एक बार फिर किसान की आत्महत्या का यह दर्द उभरकर सामने आया है। भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष हीरेंद्र साहू ने इस मामले में अधिकारियों और कांग्रेस के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हीरेंद्र ने आरोप लगाया है कि – सुरेश की मौत के बाद उसकी पत्नी और परिवार पर अधिकारियों और स्थानीय विधायक ने दबाव बनाया। मामले को अनुचित जांच रिपोर्ट के साथ रफा-दफा कर दिया गया। यह रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि खुज्जी विधायक और प्रशासनिक अमले ने सच को दबाने के लिए पीडि़त परिवार से छल किया है।
उन्होंने बताया कि – मृतक किसान के पास 3 एकड़ 82 डिसमिल का खेत था। जब वह धान बेचने ग्राम बादराटोला के उपार्जन केंद्र पहुंचा तो रिकॉर्ड में 1.50 डिसमील ही दर्ज था। वह अपना धान नहीं बेच सका। वह लगातार पटवारी, सोसायटी और तहसीलदार के चक्कर लगाता रहा पर कुछ न हो सका। इस बीच उसने आत्महत्या कर ली।
मृतक की पत्नी कहती है कि कई सालों से उसका पति सवा 3 एकड़ की गिदावरी पर धान बेच रहा था। लेकिन अचानक उसे घटा दिया गया। समिति में 45 हजार का कर्ज भी था। आज भी बेबस महिला अपने पति की मौत और बच्चों के पालन-पोषण के लिए न्याय की उम्मीद लगाए बैठी है।
साहू ने कहा कि – सुरेश की मौत के बाद कांग्रेस विधायक और नेताओं ने पीड़ित परिवार को मदद करने की बात कही लेकिन इसके लिए केस को रफा-दफा करने का दबाव बनाया जाता रहा। अधिकारियों ने आनन-फानन में अपनी नाकामी छुपाने के लिए सिंचित धनहा खेत होने दो एकड़ को भर्री होने का पंचनामा बनाकर सरकार के पास प्रस्तुत किया। जांच के बाद पता चला कि आदिवासी परिवार के धनहा खेत को अपनी नाकामी छुपाने के लिए कांग्रेस नेताओं और प्रशासनिक अमले ने मिलकर भर्री बताया और असलियत छिपाई।
किसान मोर्चा के अध्यक्ष हीरेंद्र साहू ने कहा कि – यह सरकार अपनी नाकामियां छिपाने किसी भी हद तक जाने को तैयार है। सुरेश की विधवा और उसके बच्चों के भविष्य के साथ जो खिलवाड़ किया गया है उसका फैसला आज नहीं तो कल जरुर होगा। दोषी अधिकारियों और कांग्रेसी नेताओं को सबक जरुर मिलेगा।