रायपुर-बिलासपुर के फायर स्टेशन एसडीआरएफ के अधीन आएंगे
रायपुर।
छत्तीसगढ़ के राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बजट सत्र में 26 करोड़ रुपए की लागत से फायरफाइटर्स उपकरण की खरीदी की है। ये जानकारी नगर सेना एवं एसडीआरएफ के डीजीपी गिराधारी नायक ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के रायपुर और बिलासपुर के फायर स्टेशन को 1 मई को विभाग के भीतर लिया जाएगा।
उन्होंने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 26 करोड़ रुपए की लागत से एसडीआरएफ विभाग के लिए फायफाइटर्स उपकरणों की खरीदी 31 मार्च को की गई है, जिसका प्रशिक्षण नगर सेना के जवानों को देने के बाद 1 मई से रायपुर और बिलासपुर के फायर स्टेशन को टेकओव्हर कर नगर सेना एवं राज्य आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों द्वारा संचालित करने की बात कही। नायक ने बताया कि पिछले वर्ष ही एसडीआरएफ की स्वीकृति सरकार ने दी थी। एसडीआरएफ में भर्ती के लिए 1239 पद स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से सात फायर स्टेशनों को संचालित किया जाएगा। साथ ही 252 जवान एसडीआरएफ के होंगे। जो फायफाइटर्स का काम करेंगे। एसडीआरएफ के लिए सर्विस रुल्स एवं रैग्युलेशन तैयार किए जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक एसडीआरएफ की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
फायर बुलेट बुझाएंगे आग
गली मोहल्लों में जहां फायर फाइटर्स नहीं पहुंच सकते इसके लिए विभाग ने दो फायर बुलटों की खरीदी की है, ये फायर बुलट पानी के स्रोत में बगैर रुके आग बुझा सकते हैं। इसे सभ्भी सुविधाओं से लैस् बनाया गया है।
ये उपकरण करेंगे ये काम
नायक ने खरीदे गए उपकरणों के बारे में बताया कि शॉ कटर, हाइड्रोलिक कटर का उपयोग रास्ता बनाने के लिए किया जाएगा। वहीं पावर कटर, हाइड्रोलिग कटर का उपयोग लोहा काटने के लिए किया जाएगा, कांक्रीट कटर का भी उपयोग किया जाएगा। एसडीआरएफ ने सभी फायरस्टेशनों के लिए वेन्टिलेटर ब्लोअर भी खरीदा है, जो बंद कमरे में भरे धुएं को बाहर निकालने में मदद करेगा, फिर फायर मैन हादसे में शिकार लोगों की मदद करेंगे।
डीजीपी ने बताया कि एसडीआरएफ आपदा प्रबंधन के लिए भी काम करेगा। एसडीआरएफ की टीम के पास प्रत्येक स्टेशन में एक अंडर वाटर कम्यूनिकेशन कैमरा और सेह्यट खरीदा गया है, जो पानी के भीतर डूबे हुए व्यक्ति को ढूंढने में मदद करेगा साथ ही बाहर से अंडर वाटर सेट के द्वारा पानी के भीतर से ही बाहर के व्यक्तियों से संपर्क किया जा सकेगा। ये सेट छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
एनडीआरएफ की तर्ज पर होगा संचालित
उल्लेखनीय है कि केन्द्र के एनडीआरएफ की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में राज्य के लिए राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की स्वीकृति दी थी, जिसे अब चलन में लाया जा रहा है। इसे चार चरणों में विभाजित किया गया है, ए, बी, सी और डी। ए चरण में प्रदेश के साात जिलों को लिया गया है, जिसके पहले चरण में रायपुर और बिलासपुर में इसे शुरु किया जाएगा। अभी नगर सेना के जवान ही आपदा प्रबंधन का काम देखेंगे।