मोहला की तकदीर और तस्वीर बदल रही
नेशन अलर्ट/मोहला.
कल तक ग्राम पंचायत रहा मोहला आज पदोन्नति करके जिला मुख्यालय बन गया है। इसके साथ ही मोहला की तकदीर और तस्वीर भी बदलने लगी है। और तो और मोहला के तेवर भी बदले बदले से नजर आते हैं। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिसे संक्षिप्त में एमएमसी के नाम से संबोधित किया जाता है को जिला बने एक माह पूरा होने को आया है।
शुक्रवार की रोज भरने वाले साप्ताहिक बाजार के दिन नेशन अलर्ट की टीम ने मोहला का दौरा कर प्रशासनिक अमले सहित जन सामान्य से बातचीत कर मोहला की बदल रही तस्वीर और तकदीर को लेकर उनकी राय जानने का प्रयास किया। मोहला की जनता अपने प्रथम जिलाधीश और प्रथम पुलिस अधीक्षक से पूरी तरह संतुष्ट नजर आई।
2014 बैच के आईएएस एस जयवर्धन एमएमसी जिले के प्रथम जिलाधीश हैं। मूलत: बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर जागरूक रहने वाले कलेक्टर जयवर्धन को अंदरूनी इलाकों में वहां के लोगों की भाषा और बोली समझने में दिक्कत होती हो लेकिन भावना को बेहद अच्छे तरीके से समझ लेते हैं। जब उन्हें एमएमसी का ओएसडी बनाया गया तब वह रायगढ़ नगर निगम के कमिश्नर पद पर पदस्थ थे।
यही हाल एसपी अक्षय कुमार का है। अक्षय कुमार 2018 बैच के आईपीएस अफसर हैं। अक्षय को भी नक्सली इलाके में मिली पद स्थापना एक चुनौती लगती है। अक्षय का गृह नगर हैदराबाद है जो कि इन दिनों तेलंगाना राज्य की राजधानी है। तेलंगाना छत्तीसगढ़ का पड़ोसी प्रदेश है। पड़ोसी प्रदेश से आया हुआ युवा आईपीएस अक्षय इन दिनों लोगों के दिल दिमाग को जीतने के अलावा बेहतर पुलिसिंग के लिए प्रयास करते नजर आते हैं।
चूंकि अभी जिला बना ही है इसकारण बहुत से विभागों के दफ्तर अथवा अधिकारियों की पद स्थापना नहीं हो पाई है लेकिन जिले ने काम करना चालू कर दिया है। एमएमसी के संयुक्त कलेक्टर का पदभार संभाल रहे भूपेंद्र कुमार साहू कहते हैं कि नए जिले में पद स्थापना जहां एक ओर चुनौती है वहीं दूसरी ओर अच्छे काम से अपनी छवि निखारने का भी अवसर मिल रहा है।
एमएमसी के एडीएम की जिम्मेदारी प्रेमलता चंदेल को मिली है। महिला अधिकारी होने के बावजूद प्रेमलता सीमावर्ती जिले में लोगों को जोड़ने समझने के प्रयास में पूरी तन्मयता के साथ लगी हुई हैं। एसडीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे युवा आईएएस ललितादित्य नीलम भी दक्षिण भारत से आते हैं। उन्हें भी भाषा संबंधित दिक्कत का सामना करना पड़ता है लेकिन वह इससे परे शासन की मंशा अनुरूप कार्य करने में विश्वास रखते हैं।
युवा अधिकारियों की फौज
दरअसल, मोहला जिसे जिला मुख्यालय बनाया गया है में युवा अधिकारियों की फौज तैनात कर दी गई है। युवा अधिकारियों के होने के चलते जिला प्रशासन बेहद तेज गति से काम करेगा लेकिन इसे प्रशासनिक अनुभव की कमी से दो चार होना भी पड़ सकता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शासकीय शिक्षक बताते हैं कि अच्छा है कि युवा अधिकारी तैनात किए गए हैं लेकिन बेहतर होता कि इनके अधीनस्थ का कोई अफसर पूर्व में विभिन्न जिलों में पदस्थ रह चुका होता।
इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि इससे अनुभव और तेज गति में सामंजस्य बनाया जा सकता था। इसी तरह की बात वीके आचार्य कहते हैं। आचार्य के शब्दों में यहां के निवासियों को प्रसन्नता है कि जिला बन गया लेकिन यह प्रसन्नता तब फलदायी साबित होगी जब जिला प्रशासन लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
अधिवक्ता धनंजय पांडे कहते हैं कि जिला बनने से अब एमएमसी का विकास हर दृष्टिकोण से तेज गति से होगा। मानसिक भूख लोगों की शांत होगी क्योंकि यहां बहुत से अधिकारी और व्यापार करने वाले बाहर के प्रदेशों अथवा शहरों से आएंगे। उनके आने से यहां बाहरी सोच समझ भी विकसित होगी और यह लोगों की क्षुधा को शांत करेगा।
एक प्रथम श्रेणी अधिकारी के अंगरक्षक की जिम्मेदारी उठाने वाले युवा बताते हैं कि अब नक्सलवाद की समस्या पहले जैसे नहीं रह गई है। यह युवा गनमैन कहता है कि मोहला बड़ी तेजी से बदल रहा है। लोगों की सोच समझ विकसित हो रही है। यही सोच समझ नक्सलवाद से लोगों को बचाने के प्रयास में लग रही है।
हर दिन दौरा करते हैं विधायक
मोहला-मानपुर के विधायक इंद्रशाह मंडावी मूलत: प्रशासनिक क्षेत्र से हैं। अपनी सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में हाथ आजमाया। पहली ही मर्तबा में वह विधायक चुन लिए गए। इन दिनों वह संसदीय सचिव का दायित्व भी संभाल रहे हैं। आरोप प्रत्यारोप अपनी जगह हैं लेकिन मोहला का हर नागरिक मानता है कि जब कभी मंडावी अपने क्षेत्र में होते हैं तो प्रत्येक दिन दौरे पर गांव गांव, गली गली जाते हैं।
मंडावी शुक्रवार शाम को बस स्टैंड मोहला में स्थापित गणपति प्रतिमा के दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बातचीत में कहा कि मोहला अब मानपुर और अंबागढ़ चौकी के साथ मिलाकर जिला बन गया है। यह लोगों की प्रसन्न्ता का एक कारण जरूर है लेकिन लोग उस दिन वाकई प्रसन्न होंगे जिस दिन उनके आधे अधूरे सपने पूरे होंगे।
बहरहाल, हमने मां छुरिया देवी मंदिर के दर्शन किए। इस दर्शन के दौरान बहुत से देवीभक्तों से बातचीत भी की। सबने यही कहा कि जिला बन गया है लेकिन इसे जिले के रूप में चलाने की जिम्मेदारी जहां तक प्रशासन की है वहां तक हमारी भी है। पंचमी के अवसर पर मंदिर परिसर में भंडारे का भी आयोजन हुआ था। यहां सैकड़ों भक्तों ने मां का प्रसाद ग्रहण करते हुए यही विनती की रही होगी कि मोहला के तेवर और तस्वीर ऐसी बदले कि वह तेजी से बढ़ते जिलों में शामिल हो।