निरीक्षण के बाद एक ही दिन में चार आदेश जारी
नेशन अलर्ट/रायपुर.
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय काठाडीह रायपुर की कार्य परिसद सदस्य मनोनीत होने के बाद राजकुमार सोनी व आवेश तिवारी ने बीते दिनों विश्वविद्यालय परिसर का निरीक्षण किया था। निरीक्षण का असर यह हुआ कि एक ही दिन में विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ.आनंद शंकर बहादुर ने चार आदेश जारी कर दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि सोनी व तिवारी को बीते दिनों ही मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की कार्य परिसद सदस्य के रूप में मनोनीत किया था। मनोनयन के बाद सोनी ने विश्वविद्यालय के कुलपति बल्देवभाई शर्मा को कुछेक बिंदुओं पर एक पत्र लिखा था। पत्र लिखने के बाद सोनी एक अन्य सदस्य तिवारी के साथ विश्वविद्यालय परिसर के निरीक्षण पर निकल गए थे।
हरकत में आया विश्वविद्यालय
निरीक्षण का असर यह हुआ कि अब विश्वविद्यालय हरकत में आ गया है। कुल सचिव के हस्ताक्षर से दिनांक 19 सितंबर को कुल चार आदेश जारी किए गए हैं। जिनमें से एक विश्वविद्यालय के विभाग/भवन में स्थित चल एवं अचल संपत्तियों के भौतिक सत्यापन का कार्य 28 सितंबर तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश विश्वविद्यालय के प्रध्यापकों, अधिकारियों एवं सहयोगी कर्मचारियों को दिया गया है। भौतिक सत्यापन प्रमाणपत्र 30 सितंबर तक प्रस्तुत करना आदेश में उल्लेखित है।
इसके अलावा विश्वविद्यालय के संकाय भवन, ग्रंथालय, अतिथि गृह, प्रशासनिक भवन, बालक व बालिका छात्रावास में टूटी व अनुपयोगी पड़ी स्थाई सामग्रियों का पंचनामा कर उन्हें सूचीबध कर अपलेखन की कार्यवाही के लिए एक समिति गठित की गई है। इस समिति का संयोजक, सहायक प्राध्यापक डॉ.आसुतोष मंडावी को बनाया गया है।
जबकि बतौर सदस्य उनका सहयोग करने समिति में अधीक्षक डॉ.देवसिंह पाटिल, मीडिया तकनीशियन आकाश चंद्रवंशी, सहायक ग्रेड-1 डॉ.नीति ताम्रकार, सहायक ग्रेड-2 चंद्रशेखर शिवहरे व रूपेश्वर राव गावंड़े को शामिल किया गया है। इन्हें भी 28 सितंबर तक अनुपयोगी पड़ी स्थायी संपत्तियों का पंचनामा कर सूचीबध करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा अपलेखन के कार्य के लिए जरूरी होता है।
एक अन्य आदेश में कुल सचिव ने उल्लेखित किया है कि विश्वविद्यालय के सभी विभाग प्रमुख विश्वविद्यालय की साफ सफाई पर अतिरिक्त ध्यान देना सुनिश्चित करें। विभागों में समुचित रूप से प्रतिदिन साफ सफाई की जाए। विश्वविद्यालय के परिसर में किसी भी प्रकार की गंदगी न होने पाए। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों-स्थलों की साफ सफाई में संलग्न किए गए समस्त कर्मचारी नियमित रूप से अपने निर्दिष्ट कार्य स्थल की सफाई करें।
प्रतिनियुक्ति समाप्त, लौटाने के लिए लिखा पत्र
इसके अलावा विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अभिषेक दुबे की प्रतिनियुक्ति समाप्त किए जाने का मसला भी उठा है। इस बारे में कुल सचिव ने छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा के संचालक को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में लिखा गया है कि डॉ.अभिषेक दुबे दिनांक 2 अगस्त 2017 से निमोरा संस्थान में प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवा दे रहे हैं। शासन द्वारा दुबे को महज तीन वर्षों के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था।
इसके बावजूद वह विश्वविद्यालय की सहमति के बगैर अभी भी प्रतिनियिुक्ति पर निमोरा संस्थान में ही कार्यरत हैं। कुल सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रतिनियुक्ति की अवधि विश्वविद्यालय की सहमति के बिना बढ़ाई गई। निमोरा संस्थान में आज दिनांक तक डॉ.दुबे को विश्वविद्यालय वापस नहीं भेजा।
डॉ.अभिषेक दुबे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के एकमात्र नियमित शिक्षक हैं। उनकी अनुपस्थिति से विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग के अध्ययन-अध्यापन का कार्य पूर्णत: बाधित हो गया है। कुल सचिव ने पत्र में प्रशासन अकादमी के संचालक से अनुरोध किया है कि प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर उनकी सेवाएं विश्वविद्यालय को वापस लौटाने का कष्ट करेंगे।