हे गऊ माता इन माननीयों को माफ कर देना
नेशन अलर्ट/जयपुर.
राजस्थान की गायों में लंपी संक्रमण काल बन कर नाच रहा है। 19 सितंबर से विधानसभा का सत्र चालू होने जा रहा है लेकिन लंपी के बारे में सवाल पूछना एक तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। 8032 सवालों में से सिर्फ 2 विधायकों के सवाल लंपी संक्रमण से जुड़े हुए हैं लेकिन यह भी उन क्षेत्रों के विधायकों के सवाल हैं जहां लंपी का प्रभाव बेहद कम है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पिछले चार माह से लंपी संक्रमण कहर बनकर गायों पर टूटा है। अब तक शासकीय जानकारी के मुताबिक 52 हजार से अधिक गायें लंपी संक्रमण की चपेट में आकर दम तोड़ चुकी हैं। लंपी संक्रमण के मध्य राजस्थान विधानसभा का 7वां विधानसभा सत्र 19 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है।
20 जिलों में कहर वहां से एक भी सवाल नहीं
गायों में फैली संक्रामक बीमारी ने राजस्थान के 20 जिलों में एक तरह से आतंक मचाकर रखा है। इन 20 जिलों से एक भी विधायक का लंपी संक्रमण को लेकर एक भी सवाल 7वें सत्र में नहीं पूछा जा सकेगा। ऐसा क्यूंकर होगा ? इसका जवाब सीधा सा है कि लंपी संक्रमण पर सवाल पूछने को लेकर एक तरह से अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एक तरफ जहां पशुपालक किसान राज्य सहित केंद्र सरकार की ओर मुआवजे को लेकर टकटकी लगाए बैठे हैं वहीं दूसरी ओर राजस्थान की 15वीं विधानसभा का 7वां सत्र प्रश्नकाल की स्क्रीनिंग प्रक्रिया स्वयं सवालों के घेरे में है। लंपी से जुड़े उन दो क्षेत्रों के विधायकों के सवाल स्क्रीनिंग में पास हो गए हैं जहां इसका कोई व्यापक असर नहीं है।
लंपी का सर्वाधिक कहर इन दिनों राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र सहित हाड़ौती, जयपुर, नहरी, वागड़ जैसे इलाकों में फैला हुआ है। गौरतलब बात यह है कि यहां के किसी भी विधायक ने लंपी को लेकर किसी तरह का सवाल नहीं पूछा है। यदि पूछा भी होगा तो सवाल प्रश्नकाल में लग ही नहीं पाएगा।
रामगढ़ जो कि अलवर जिले में आता है वहां की विधायक सफिया जुबेर के अलावा चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान आक्या के सवाल जरूर लंपी को लेकर पूछे गए हैं लेकिन यहां इस संक्रामक बीमारी का गायों पर कोई बहुत ज्यादा असर नहीं है। उदयपुर जिले के झाड़ोलविधानसभा क्षेत्र के विधायक बाबूलाल ने भी लंपी को लेकर सवाल किया है लेकिन वह दूसरे विभाग के खाते में डाल दिया गया है।
ज्यादातर विधायकों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल पूछे हैं। प्रदेश का गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं अपने पास रखे हुए हैं। गृह मंत्रालय से जुड़े 420 सवाल माननीय विधायकों द्वारा किए गए हैं लेकिन लंपी बीमारी को लेकर ज्यादातर ने मौन साध लिया है। यदि उन्होंने पूछा भी है तो स्क्रीनिंग के दौरान सवाल ही रोक दिए गए। 318 सवाल प्रदेश के जलदाय विभाग से पूछे गए हैं।