फिर चर्चा में बस्तर, हिमांशु कुमार और मड़कम मुदराज
नेशन अलर्ट/जगदलपुर.
एक बार फिर से छत्तीसगढ़ का बस्तर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोर रहा है। बस्तर में लंबे समय तक काम कर चुके हिमांशु कुमार के एक फेसबुक पोस्ट ने यह चर्चा छेड़ दी है। इसी चर्चा में मड़कम मुदराज का भी नाम आया है जिसे लेकर बताया जाता है कि वह निरक्षर होने के बाद भी थानेदार रैंक का पुलिस अधिकारी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने अपने प्रदेश भ्रमण के कार्यक्रम के लिए एक नाम तय कर रखा है जिसे भेंट मुलाकात के नाम से जाना जाता है। मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के सभी जिलों का दौरा करते आ रहे हैं। भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ही वह उस जिले के प्लस-माइनस को जानने समझने लोगों से मिलते हैं, चर्चा करते हैं, मुलाकात होती है, बात होती है।
इसी तरह की एक मुलाकात संभवत: 18 मई दिन बुधवार को भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने सुकमा जिले के मड़कम मुदराज से की रही होगी। मड़कम मुदराज को लेकर हुई उनकी मुलाकात पर प्रदेश स्तर की मीडिया से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कीमीडिया ने एक खबर प्रकाशित की थी।
इस खबर के मुताबिक कभी नक्सली कमांडर रहे मड़कम ने मुख्यमंत्री से कहा था कि…
‘मुख्यमंत्री जी आपने सड़क, कैम्प और स्कूलों को सुधारकर बदल दी है नक्सल प्रभावित इलाके की तस्वीर… मेरे बच्चे पढ़ रहे इंग्लिश मीडियम स्कूल में और जी रहे अच्छी लाइफ स्टाइल… आत्मग्लानि में किया सरेंडर…पहले एसपीओ बना और आज हूं इंस्पेक्टर…मड़कम के हाथों में हथियार अब भी है लेकिन लोगों की जान लेने नहीं बल्कि बचाने के लिए’… मुख्यमंत्री ने इंस्पेक्टर मड़कम को अपने पास बुलाकर कंधे पर हाथ रखा था और ताली बजवाई थी’।
यह कार्यक्रम कोटा में आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में आबकारी मंत्री कवासी लकमा विशेष तौर पर उपस्थित थे। मड़कम ने मुख्यमंत्री को बताया था कि आत्मसमर्पण के बाद वह सबसे पहले एसपीओ बना था। बाद में वह सिपाही बन गया। पदोन्नति पाते हुए वह पहले एएसआई फिर एसआई और अंत में डीआरजी में इंस्पेक्टर बनकर देश की सेवा कर रहा है।
सिंगारम, राम बाबू और हत्या की धमकी
आज हिमांशु कुमार ने एक फेसबुक पोस्ट किया है। इसी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि सिंगारम (सुकमा) के आदिवासी युवक रामबाबू ने उन्हें फोन करके बताया कि मड़कम मुदराज गांव की राशन दुकान में चावल लेने गया था। इस दौरान उसने गांव के चार लोगों को थाने ले जाकर डंडों से पीटा। पोस्ट के मुताबिक मड़कम मुदराज ने रामबाबू को हत्या करने की धमकी दी है।
हिमांशु कुमार लिखते हैं कि दरअसल, मड़कम मुदराज पहले एक गुंडा था जिसे पुलिस ने अपने साथ मिला लिया। पहले उसे विशेष पुलिस अधिकारी बनाया फिर डीआरजी में शामिल किया। अब वह थानेदार रैंक का अधिकारी है। हालांकि वह निरक्षर है। उसने कभी कानून, संविधान, मानवाधिकार आदि का नाम भी नहीं सुना है।
क्या बलात्कारी और हत्यारा है मड़कम ?
मड़कम मुदराज का परिचय देते हुए हिमांशु कुमार आगे लिखते हैं कि लक्ष्मी की 19 साल की बेटी को घर से खींचकर ले जाकर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या जिस पुलिस अधिकारी ने की थी वह मड़कम मुदराज ही था। लक्ष्मी के संदर्भ में हिमांशु ने लिखा है कि इसी साल जुलाई में दिल्ली प्रवास के दौरान लक्ष्मी ने अपनी दर्दभरी कहानी सभा में सुनाई थी।
जिस गोमपाड गांव में 16 आदिवासियों की हत्या हुई उसमें भी मड़कम मुदराज को शामिल बताते रहे हैं हिमांशु कुमार… उन्होंने सिंगारम में 19 आदिवासियों की हत्या के मामले में भी नामजद आरोपी पुलिस अधिकारी मड़कम मुदराज को लिखा है। सामसेटी गांव की लड़कियों के साथ बलात्कार में भी नामजद आरोपी मड़कम मुदराज को बताया गया है।
हिमांशु कुमार लिखते हैं कि सैकड़ों शिकायतों, मुकदमों, मानवाधिकार हनन की फरियादों के बावजूद इसके ऊपर कोई जांच नहीं हुई। कोई कार्यवाही नहीं हुई। कोई स्थानांतरण नहीं किया जाता। इस पोस्ट में उन्होनें एक तस्वीर भी पोस्ट की है जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी नजर आ रहे हैं और बाजू में खड़ा वर्दीधारी युवक नजर आ रहा है जिसे मड़कम मुदराज बताया जाता है और जिसकी पीठ मुख्यमंत्री थपथपा कर आए थे।