शुरू हुआ चुनावी दंगल
नेशन अलर्ट/रायपुर.
छत्तीसगढ़ में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की दंगल अभी से शुरू हो गई है। अब तक मृत पड़ी नजर आने वाली भाजपा अब इलेक्शन मोड पर आ गई है। उसकी तरफ से केंद्रीय नेताओं के प्रदेश भ्रमण सहित नेतृत्व परिवर्तन कर अपने आप को धो मांज कर साफ सुथरा किया जा रहा है।
प्रदेश में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में नजर आती है। उसके पास सरकार में भूपेश बघेल जैसा क्रियाशील, ठेठ छत्तीसगढि़या मुख्यमंत्री होने का फायदा है तो संगठन में आदिवासी नेतृत्व (मोहन मरकाम) का लाभ उसे मिलते रहा है। कांग्रेस की आंतरिक उठापठक भी उसके विधायकों की संख्या के आगे बौनी नजर आती है।
संभवत: इसी के मद्देनजर आज दिनांक तक भाजपा इस सरकार को पूरी तरह से कमजोर करने में सफल नहीं हो पाई है। भाजपा अपने ही आंतरिक उलझनों में छत्तीसगढ़ में उलझी हुई नजर आती है। लेकिन अब उलझन एक के बाद एक सुलझाई जा रही है। पहले प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए गए और अब नेता प्रतिपक्ष की बारी बताई जाती है।
दिल्ली की नजर ‘दल्ली’ पर
दिल्ली में बैठा भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ के दल्ली पर एक तरह से नजर गड़ाए हुए बैठा है। वह आने वाले दिनों में तकरीबन प्रत्येक माह कोई न कोई कार्यक्रम छत्तीसगढ़ में आगाज करने जा रहा है ऐसी खबर भाजपा के सूत्र बताते हैं। फिलहाल 26 व 27 अथवा 27 व 28 अगस्त को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा छत्तीसगढ़ प्रवास पर आने वाले हैं।
यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी भी प्रदेश के प्रवास पर रहेगा तो पूरी पार्टी नीचे से ऊपर तक सक्रिय होती नजर आएगी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रवास दो दिवसीय रहेगा। इस दौरान वह प्रदेश के कोर ग्रुप से वार्तालाप के अलावा किसी जिले में जाएंगे, मंडल में जाएंगे, बूथ स्तर पर भी जाएंगे।
आ सकते हैं भाजपा के चाणक्य
भाजपा में चाणक्य माने जाने वाले गृहमंत्री अमित भाई शाह भी छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह हालांकि उनके आने की तारीख नहीं बताते हैं लेकिन कहते हैं कि उनका प्रवास तय है। शाह आएंगे और समाज के सभी वर्गों के साथ बात करेंगे। आकांक्षी जिलों में कैसे और कितना काम हुआ है इस पर भी वे चर्चा करेंगे।
भाजपा के आंतरिक सूत्र बताते हैं कि अमित शाह का प्रवास दरअसल 2023 में होने वाले विधानसभा की तैयारी को परखने के लिए होने वाला है। केंद्रीय संगठन ने चुनाव को देखते हुए अपनी ताकत झोंकना प्रारंभ कर दिया है। वह हर हाल में छत्तीसगढ़ जीतकर कांग्रेस को और कमजोर करना चाहता है।
प्रदेश संगठन के विभिन्न मोर्चों को केंद्रीय संगठन ने अलग-अलग लक्ष्य दिए हैं जैसे कि युवा मोर्चा को बेरोजगारी टेंट लगाने का लक्ष्य मिला है। बताया यह तक जाता है कि अमित शाह प्रवास के दौरान केंद्र की योजनाओं के प्रभाव का भी आंकलन करेंगे। वह देखेंगे कि केंद्र की योजनाओं के जरिए भाजपा से खुद को लोग किस हद तक कनेक्ट कर पाए अथवा नहीं कर पाए। मतलब साफ है कि वह केंद्रीय योजना का धरातल में छत्तीसगढ़ में क्या कुछ कैसा असर है इस पर गौर करेंगे। स्थिति स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में चुनावी दंगल शुरू हो चुका है।