बिना दावा आपत्ति के कैसे जारी हुई सूची
सीएचओ भर्ती परीक्षा विवादों में
रायपुर।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (नेशनल हेल्थ मिशन) द्वारा कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए ली गई परीक्षा विवादों से घिर गई है। परीक्षा के कथित तौर पर पीडि़त अभ्यर्थी इसे तत्काल रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि दावा आपत्ति का मौका दिए बगैर कैसे और क्यूंकर पात्र अभ्यर्थी की सूची जारी की गई यह जांच का विषय है।
दरअसल यह परीक्षा एनएचएम द्वारा अभी हाल ही में आयोजित की गई है। अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं कि लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर पात्रता सूची बननी थी लेकिन परीक्षा के एक दिन पहले ही यह सूची जारी कर दी गई। उनका यह भी आरोप है कि नियम ताक पर रखे गए और डिग्री में मिले अंकों के आधार पर सूची तैयार कर जारी की गई।
2800 में 2800 अंक
2800 पूर्णांक में 2800 अंक कैसे और किस तरह अर्जित किया गया यह तो सूची तैयार करने वाले ही बता सकते हैं लेकिन अमूमन ऐसा हो नहीं सकता। 2800 में 2800 अंक के अलावा 977 के पूर्णांक में 977 अंक कैसे कोई अर्जित कर सकता है यह भी जांच का विषय है।
नंदकुमार पटेल नाम का अभ्यर्थी बताता है कि सूची बनाने में धांधली की गई है। वे कहते हैं कि परीक्षा के एक दिन पूर्व शुक्रवार को जो पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई थी वह पूरी तरह से गलत है। चूंकि शनिवार को शासकीय अवकाश था और रविवार को परीक्षा थी इसकारण दावा आपत्ति करने का मौका ही नहीं मिला जो कि नियम विरूद्ध है।
बीएससी नर्सिंग और जीएनएम उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की सूची भी विवादों में है। आरोप लगाने वाले कहते हैं कि अंकिता वर्मा को बीएससी नर्सिंग में 2800 में 2800 अंक प्राप्त करने वाला बताया गया है इसकारण वह दुर्ग जिले की मेरिट लिस्ट में टॉप पर आ गई। इसी तरह की गड़बड़ी की आशंका जीएनएम की परीक्षा में 1161 में 1161 अंक प्राप्त करने वाली महासमुंद जिले की देवकी सोनवानी के मामले को लेकर जताई गई है। देवकी ने महासमुंद की वरीयता सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
परीक्षा और नतीजे से नाराज अभ्यर्थी आगे बताते है कि इस मामले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। उनका कहना है कि बीएससी नर्सिंग और जीएनएम की परीक्षा में शत प्रतिशत अंक प्राप्त करना संभव ही नहीं है लेकिन यहां वरीयता सूची में शामिल लोगों ने ऐसा किया है। अभ्यर्थी बताते हैं कि विज्ञापन में जो नियम दिया गया था उसी नियम से परीक्षा लेनी थी लेकिन अचानक नियम बदलना नियम के ही खिलाफ है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मामले की बारिकी से जांच कराने की बात कही है। उन्होंने स्वयं से बात करने आए अभ्यर्थियों की बात को ध्यानपूर्वक सुना। सिंहदेव ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वह मामले की जांच के बाद उस पर उचित कार्यवाही करेंगे। दरअसल सीएचओ के 800 पदों पर हुई भर्ती के मामले में कथित गड़बड़ी को लेकर नाराज अभ्यर्थी रविवार को रायपुर आए थे और उन्होंने सिंहदेव को एक ज्ञापन भी सौंपा है।