छत्तीसगढ़ को मथने लगी भाजपा
रायपुर।
धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े हो रहे छत्तीसगढ़ को भाजपा ने मथना चालू कर दिया है। हथियार मांजे जा रहे हैं। उन्हें तेल पिलाया जा रहा है… धार तेज की जा रही है… नई टीम और नए नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा रही है। यह सब प्रदेश में नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री बनाए गए अजय जामवाल के दौरे के बाद हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने प्रदेश स्तरीय प्रवक्ताओं की एक नई सूची जारी की है। यह सूची चौंकाने वाली भी है और गौर करने वाली भी है। इस सूची में राजनीति पर पकड़ रखने के अलावा युवाओं को, महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के सहित छत्तीसगढ़ की सभ्यता संस्कृति पर बेबाकी से अपनी बात रखने वालों को जगह दी गई है।
चंद्राकर के मुख्य प्रवक्ता बनने से तेज होंगे हमले
संभवत: छत्तीसगढ़ ही इकलौता एक मात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा अपनी प्रतिद्वंदी कांग्रेस से कहीं कमजोर नजर आती है। दरअसल, भाजपा को यहां ऐसे मुद्दे नहीं मिल पा रहे हैं जिस पर वह देश के विभिन्न प्रदेशों में गाहे बेगाहे सरकार बना लिए जा रही है।
यहां उसके पास धर्म का भी मुद्दा नहीं है… यहां भाजपा के पास कृषकों का भी मुद्दा नहीं है… यहां भाजपा के हाथ से गाय का भी मुद्दा निकल चुका है। ये ऐसे कुछेक मुद्दे हैं जिस पर भाजपा देश के विभिन्न राज्यों में न केवल कमाल कर रही है बल्कि एक के बाद एक राज्य उसकी झोली में जाकर गिर रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ इनमें नहीं है।
देश में इकलौता राज्य छत्तीसगढ़ है जहां कांग्रेस भाजपा पर हावी नजर आती है। यहां कौशिल्या के राम हैं… यहां गौपालकों से गोबर खरीदा जा रहा है… गौमूत्र खरीदा जा रहा है… किसानों को उनकी उपज का उचित मुआवजा देने के अलावा बोनस का वितरण हो रहा है… यदि राज्य सरकार से एक तबका थोड़ा बहुत भी नाराज है तो वह शासकीय कर्मचारियों का हो सकता है जिसे ऐन समय में मनाने का दमखम मुख्यमंत्री रखते हैं।
भाजपा ने अपनी गिरती स्थिति को देखते हुए अपने संगठन को चुस्त दुरूस्त करना प्रारंभ कर दिया है। पहला परिवर्तन संगठन मंत्री के स्तर पर हुआ। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री का दायित्व अजय जामवाल को सौंपा गया जिनकी बैठकी छत्तीसगढ़ में तय की गई है। मतलब साफ है कि वह छत्तीसगढ़ में बैठकर मध्यप्रदेश की भी भाजपा को दशा और दिशा दिखाएंगे।
जामवाल के प्रदेश के पहले दौरे के बाद भाजपा ने अपनी राज्य स्तरीय मीडिया टीम में 6 नए प्रवक्ता शामिल किए हैं। जामवाल ने विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठों की मैराथन बैठक लेने के बाद एक रपट तैयार की थी और इसी रपट को लेकर वह दिल्ली दरबार पहुंचे थे। दिल्ली में उन्होंने प्रदेश भाजपा का यह दुखड़ा रोया था कि भाजपा की नीति और रीति को जन-जन तक पहुंचाने में भाजपा की प्रवक्ताओं की टीम एक तरह से फेल होती जा रही है।
जामवाल की अनुशंसा पर दिल्ली ने तत्काल नई टीम घोषित करने के निर्देश दे दिए। उस अनुशंसा पर संगठन के प्रदेश महामंत्री पवन साय के हस्ताक्षर से शुक्रवार को नए प्रवक्ताओं की जो सूची जारी हुई है उसमें अजय चंद्राकर का भी नाम मुख्य प्रवक्ता बतौर शामिल है। कुरूद विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय चंद्राकर भाजपा में न केवल तेज तर्रार नेता माने जाते हैं बल्कि वह खांटी छत्तीसगढि़या भी हैं।
मतलब अब भाजपा राष्ट्रवाद को छत्तीसगढ़वाद में मिक्स करके चलेगी। अजय चंद्राकर के अलावा प्रवक्ताओं की सूची में दो पूर्व मंत्री राजेश मूणत (रायपुर), केदार कश्यप (बस्तर) के भी नाम पहले की तरह शामिल हैं। यह सरकार में होने वाले क्रियाकलापों पर पूर्व अनुभवी होने के चलते बारिक नजर रखेंगे। इसी सूची में रायपुर के संजय श्रीवास्तव, अंबिकापुर के अनुराग सिंहदेव, राजनांदगांव के नीलू शर्मा के भी नाम शामिल बताए गए हैं जो कि पहले भी प्रवक्ता रह चुके हैं। इससे यह स्पष्ट है कि इनके काम से नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री जामवाल बेहद संतुष्ट नजर आते हैं।
लेकिन आश्चर्यजनक नाम इसी सूची में नए प्रवक्ताओं के रूप में देखने को मिला। पूर्व मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, संदीप शर्मा, ओपी चौधरी, श्रीमती रंजना साहू, केदारनाथ गुप्ता, देवलाल ठाकुर नए प्रवक्ता के रूप में शामिल किए गए हैं। आईएएस रहे चौधरी और कृष्णमूर्ति बांधी के नाम को तो समझा जा सकता है लेकिन इसी सूची में शामिल रंजना साहू और देवलाल ठाकुर के नाम आश्चर्य जताने वाले हैं।
रंजना को भाजपा के विषयों के साथ साथ अपनी बात बेबाकी से रखने वाली नेता के रूप में जाना जाता है। वह प्रदेश भाजपा की इकलौती महिला विधायक हैं। अभी हाल ही में उन्होंने विधानसभा में अपनी पार्टी द्वारा सरकार के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर पूरे आत्मविश्वास के साथ तकरीबन आधे घंटे तक न केवल मुखरता से बोला था बल्कि समा बांध ले गई थीं।इससे लगता है कि रंजना को भाजपा की राष्ट्रीय इकाई ने गंभीरता से लिया है।
देवलाल ठाकुर एक दूसरा ऐसा नाम है जिस पर भाजपा के भीतर और बाहर आश्चर्य जताया जा रहा है। बालोद के जिला बनने के बाद जिला पंचायत के प्रथम अध्यक्ष रहे ठाकुर बीते साल ही कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपाई हुए थे। उन्हें भी भाजपा में हाथों हाथ लिया गया और अब जाकर प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। वैसे भाजपा में अमूमन इतनी जल्दी कोई पद प्राप्त नहीं करता है लेकिन जिस तरीके से ठाकुर को प्रवक्ता बनाया गया है उससे साफ नजर आता है कि कांग्रेस को कांग्रेस के मोहरे से काटने की तैयारी भाजपा में तेज हो चली है।