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दुर्ग/ रायपुर .
छत्तीसगढ़ पुलिस के दिन लगता है कि ठीक नहीं चल रहे हैं. पहले एक आईएएस पर बलात्कार का आरोप लगा था और अब “चाचा-भतीजे” के रिश्तेदार पर कुछ इसी तरह का आरोप लगा है. मामले की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि दुर्ग पुलिस को मामला पंजीबद्ध करने में पसीना आ गया था.
जिस व्यक्ति के खिलाफ ऐसी शिकायत दुर्ग पुलिस को प्राप्त हुई थी वह प्रदेश की राजनीति में दखल रखने वाले परिवार से जुडा़ हुआ है.
इक तरफ उसके रिश्ते भाजपा की राजनीति कर रहे व्यक्ति से सीधे हैं तो दूसरी तरफ वह प्रदेश सरकार में बैठी कांग्रेस के नेता से भी जुडा हुआ है.
क्या है मामला ?
उल्लेखनीय है कि जिस परिवार से यह मामला जुडा़ हुआ है उसकी राजनीतिक हैसियत दुर्ग तो छोडिए बल्कि पूरे प्रदेश में बहुत ऊंची है.
चूंकि ऐसे परिवार से जुडी महिला कल खुद शिकायत करने दुर्ग पहुंची थी इस कारण पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए.
थाने स्तर से लेकर पुलिस महानिरीक्षक के स्तर तक पहले मार्गदर्शन लेने-देने का क्रम चला. फिर ऊपर को जानकारी देते हुए मामले को लेकर रायशुमारी की गई.
जब हर स्तर से “हरि झंडी” मिली तो ही दुर्ग पुलिस ने मामले को शून्य में दर्ज कर केस डायरी रायपुर रवाना की जहांं का घटनास्थल है.
दुर्ग पुलिस ने मामले में किन्हीं संजय बघेल के खिलाफ भादंवि की धारा 376 ( 2 ) च, 498 ए , 506 , 34 के तहत अपराध दर्ज किया है.
बताया जाता है कि पीड़िता ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए परेशान करने और चाचा ससुर पर बलात्कार का आरोप लगाया है.
पीड़िता के अनुसार उसके साथ अनाचार उसकी ससुराल में ही हुआ. हाईप्रोफ़ाइल इस मामले में विवेचना के बाद इसमें अन्य आरोपियों के नाम जुड़ सकते हैं.
चूंकि पीड़िता का मायका दूर्ग ज़िले में है इस कारण उसने दुर्ग पुलिस में शिकायत की थी. मामले की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए पुलिस को पसीना आ गया था.
आज भी दुर्ग पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. नेशन अलर्ट पत्रिका ने मामले के संदर्भ में जानकारी लेने पुलिस अधीक्षक से उनके मोबाइल पर संपर्क साधा था लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं की.
अंत में नेशन अलर्ट पत्रिका ने प्रतिक्रिया लेने दुर्ग एसपी के मोबाइल पर वाट्सऐप किया जिस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मामला चूंकि एक ऐसे राजनीतिक परिवार से जुडा हुआ है जिसकी बखत भाजपा-कांग्रेस दोनों में बराबर की है इस कारण कोई पुलिस अधिकारी मुंह खोलने तैयार नहीं है.
आरोपी के रिश्तेदार राजनीति से जुडे़ हुए हैं जिनमें कोई प्रदेश स्तर की राजनीति में सक्रिय ( चाचा ) हैं तो कोई दिल्ली स्तर की ( भतीजा ) राजनीति कर रहा है. चाचा – भतीजा दोनों ही चुनाव जीत कर आए हैं.