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अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी गौरव द्विवेदी के संबंध में इन दिनों जो जनचर्चा सुनाई दे रही है वह चौंकाने वाली है. आईएएस द्विवेदी को हटाए जाने की आशंका मंत्रालय स्तर पर सुनी जा सकती है.
आईएएस गौरव द्विवेदी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से दिन ब दिन पावरफुल होते गए. गौरव द्विवेदी 1995 बैच के आईएएस अफसर हैं.
राज्य शासन ने सरकार बनने के तुरंत बाद गौरव द्विवेदी को मुख्यमंत्री का सचिव नियुक्त किया था. तब टामन सोनवानी विशेष सचिव और प्रवीण शुक्ला मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए गए थे.
हालांकि बाद में प्रवीण शुक्ला को मुख्यमंत्री सचिवालय से हटा दिया गया. इसके बाद अजीत मढरिया ( बजरंगी भैया ) भी मुख्यमंत्री सचिवालय से हटा दिए गए. अब गौरव द्विवेदी के संबंध में मंत्रालय की कानाफूसी कुछ और इशारा करती है.
गौरव द्विवेदी मुख्यमंत्री के सचिव रहते हुए बीती 15 फरवरी को प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत हुए थे. तब से वह इस पद पर काबिज हैं. फिलहाल वह जनसंपर्क विभाग की भी कमान संभाल रहे हैं.
जनचर्चा मुताबिक अब जबकि उन्हें बदले जाने की खबर सुनाई दे रही है तो इसके कारण ढूंढे जाने लगे हैं. मंत्रालय में भले ही गौरव द्विवेदी को बदले जाने की चर्चा हो रही हो लेकिन कारण किसी को नहीं मालूम कि ऐसा क्यूंकर हो रहा है?
बहरहाल, यदि गौरव द्विवेदी बदल दिए जाते हैं तो उनके स्थान पर जाने वाले अफसर कौन होंगे इस पर भी बात होने लगी है. इसी कड़ी में दो नाम बड़ी तेजी से सुनाई दे रहे हैं जो कि मनोज पिंगुआ व सुब्रत साहू का है.
मनोज इन दिनों वन विभाग संभाल रहे हैं. इसके पहले वह परिवहन में पदस्थ थे. जबकि सुब्रत साहू के पास गृह विभाग के सचिव की जिम्मेदारी है. साथ ही साथ उनके पास अतिरिक्त प्रभार के रूप में ग्रामीण विकास विभाग है.
इन दोनों में से ही किसी भी अधिकारी को जनसंपर्क अथवा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है ऐसी चर्चा इन दिनों मंत्रालय में हो रही है.
हालांकि अब तक इसकी पुष्टि किसी ने भी नहीं की है लेकिन चूंकि मंत्रालय में चर्चा हो रही है तो कहीं न कहीं कुछ न कुछ है जरूर.
यक्ष प्रश्न :
छत्तीसगढ़ के उन दो आईएएस अधिकारियों का नाम बताए जिन्होंने कथित तौर पर हनीट्रैप में सात करोड़ रुपए गवाएं ?