वासंतिक नवरात्र शुरू होने के साथ ही शुरू होता है हिंदू नववर्ष। यह 2076 वां नव संवत्सर है। इस मौसम में प्रकृति हर तरफ प्रेम ही प्रेम बरसाती है।
मां की कृपा हर तरफ बरसती है। ग्रह-नक्षत्र बदलते हैं तो राशियों पर भी इनका प्रभाव होता है। इस बार किस राशि वालों के लिए कैसा रहेगा यह साल?
आइए जानते हैं मशहूर ऐस्ट्रॉलजर आनंद जौहरी से …
मेष :
विदेश यात्रा के हैं प्रबल योग। इस वर्ष किसी गुरुतुल्य व्यक्ति या विशेषज्ञ की सलाह से सफलता का परचम लहराएंगे। किसी अच्छी ख़बर से अंतर्मन खुश रहेगा। सदगुरुश्री कहते हैं कि मन की बेचैनी के साथ लाभ के अवसर मिलेगा। भाई के लिए चिन्ता बढ़ सकती है। नए रिश्तों से लाभ होगा। कोई अच्छी ख़बर अंतर्मन में पैठ कर जाएगी। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर वृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस आयेंगे, तब ताम्रपाद का नवम गुरु धन के प्रचण्ड लाभ का साक्षी बनेगा। यह योग विदेश यात्रा से आनन्द भी देगा। करियर के लिए यह सम्वत् अच्छा है। राजनैतिक लोगों से लाभ होगा।
वृषभ :
आकस्मिक लाभ होगा। सम्वत् 2076 में वृष राशि के लोगों पर शनि की अढ़ैया है। इससे कुछ तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। 24 अप्रैल को जब वक्री गुरु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, तब लौह चरण का सप्तम गुरु उलझन और विवाद का कारक बनेगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर वृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस लौटेंगे, स्वर्ण पाद का 8वां गुरु कुछ नया सिखाएगा। नए व्यापार को शुरू करने से पहले एक बार जरूर सोचें। रिश्तों में वाद-विवाद की स्थिति से बचें। आकस्मिक लाभ का योग है।
मिथुन :
बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी।
नव सम्वत् 2076 में मिथुन राशि लोगों के व्यक्तित्व और आवाज़ में असर पैदा होगा। बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी। दैहिक थकान और विकार संभव है। शनिदेव धनु राशि में हैं। इस राशि के लिए स्वर्ण पाद का सप्तम शनि लाभ का सबब बनता है। वैश्विक संपर्कों से लाभ मिलेगा। विशेष सम्मान प्राप्त होगा। राहू मिथुन और केतु धनु में बैठ कर अच्छा और बुरा दोनों अनुभव करायेंगे। ये सम्वत् इस राशि को जनप्रिय बनाएगा और लोगों के प्यार और रिश्तों के विस्तार के लिए याद किया जाएगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर वृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस जायेंगे, रजत चरण के सप्तम गुरु आपके लिए मान-प्रतिष्ठा और लाभ उपहार स्वरूप लाएगा।
कर्क:
शनि दिलाएगा करियर में सफलता।
सदगुरुश्री कहते हैं कि आने वाला वक्त जिंदगी के पन्ने पर आपकी उन्नति की दास्तान लिखेगा। रजत पाद का छठा शनि करियर में कामयाबी के शिखर पर ले जाएगा। इसके अलावा विदेश यात्रा का योग बनेगा, यह बेहद लाभकारी होगा। स्तरहीन लोगों से दूर रहें, वरना तनाव होने की आशंका है। 24 अप्रैल को जब वक्री गुरु वृश्चिक राशि में जाएगा, तब स्वर्ण चरण का पंचम गुरु विजय पताका लहराएगा और अच्छी ख़बर लाएगा। नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर वृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस जायेंगे, लौह चरण के षष्ठ गुरु करियर की दिशा में शुभ समाचार लेकर आएगा।
सिंह:
बृहस्पति जीवन में लाएंगे तमाम खुशियां। सिंह राशि के लिए सम्वत् 2076 आर्थिक लाभ और ख़र्च दोनों की चुग़ली कर रहा है। शनिदेव वृहस्पति की राशि धनु में हैं। लौहपाद का पंचम शनि मन में उदासी, कलह और तनाव के साथ सर में पीड़ा देता है। यह योग किसी लाभ का भी सबब बनता है। राहू मिथुन व केतु धनु में विराज कर भाग्य को पंख लगा रहे हैं। स्वर्ण चरण का ग्यारहवां राहू और पंचम केतु आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा। गुरु मंगल की राशि वृश्चिक में विराज कर लाभ दिलाएगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर बृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस लौटेंगे। साथ ही आपके जीवन में तमाम खुशियां लेकर आएंगे। करियर को पंख लगेगा। उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त होंगे। सम्मान में वृद्धि होगी। खेती से लाभ का योग है। भाई से स्नेह मिलेगा। संबंध मधुर होंगे। हर बात पर प्रतिक्रिया से बचें।
कन्या:
वैचारिक उग्रता से बचें। नव सम्वत् में कन्या राशि लोगों के हृदय में ख़ुशी नहीं, उदासी होने की संभावना है। अपनी राशि धनु में है। रजत चरण का वह चतुर्थ गुरु मानसिक, शारीरिक और आर्थिक उलझन बढ़ाएगा। वाहन से कष्ट मिलेगा। 24 अप्रैल को जब वक्री गुरु वृश्चिक राशि में जाएगा, तब लौह पाद का तीसरा गुरु देह में विकार से कष्ट देगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर वृहस्पति अपनी राशि धनु में वापस जायेंगे, रजत चरण का चतुर्थ गुरु कभी ख़ुशी, कभी ग़म की स्थिति लेकर आएगा। वैचारिक उग्रता से बचना होगा। वाद- विवाद से मन उदास होगा। साल के आरंभ में नौकरी में बेचैनी और वर्ष के मध्य में लाभ के संकेत हैं। स्थान परिवर्तन की संभावना है। कार्य क्षेत्र में वाद-विवाद से बचें। विदेश यात्रा से लाभ होगा। भाई के व्यवहार से तनाव और उसकी सफलता से अच्छा लगेगा।
तुला :
महालक्ष्मी संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगी। सम्वत् 2076 के आरंभ में शनि धनु राशि में होंगे। रजत पाद का तृतीय शनि अपनों से लाभ का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। बृहस्पति वृश्चिक राशि में विराजकर आने वाले कल को ख़ास बनायेंगे, और इनके दामन में सितारे सजायेंगे। वृहस्पति धनु में चलायमान है। रजत चरण के गुरु के कारण क्षणिक ही सही, जेब का हल्कापन बेचैनी देगा। 24 अप्रैल को जब वक्री गुरु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, तब ताम्रपाद का दूसरा गुरु भाग्य चमकाएगा। बौद्धिक चातुर्य से बड़ा फ़ायदा कराएगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर बृहस्पति अपनी राशि धनु में घूम- घाम कर वापस आयेंगे, कुछ नया सीखने को मिलेगा। वाणी की माधुर्य आपके बिगड़े कामों को बना देगा। आपका करियर चढ़ाव पर तो है, पर ग़ैर ज़रूरी जोखिम से बचें। कई प्रकार की उलझने खत्म होंगी और तरक्की होगी। ऑफ़िस में काम को सराहा जाएगा। महालक्ष्मी संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगी। हड्डियों, जोड़ों और एड़ियों में दर्द हो सकता है। अचानक अर्थ लाभ होगा। इस वर्ष कई पुराने तनाव से मुक्त होकर नए तनाव में उलझने का योग है। लंबे समय के निवेश से विशेष लाभ होगा।
वृश्चिक :
धनार्जन के नए साधन बनेंगे। सम्वत् 2076 वृश्चिक राशि के जीवन में नयी रोशनी बिखेरने को तैयार है। शनि, बृहस्पति की राशि धनु में लंगर डाले हुए हैं। इस राशि के लोग शनि की साढ़ेसाती के अंतिम चरण में हैं। लिहाज़ा तक़रीबन सवा 6 वर्षों का कष्ट अब दूर हो जाएगा। स्वर्णपाद का यह द्वितीय शनि आर्थिक कष्ट दूर करने के साथ धनार्जन के नए साधन लेकर आएगा। 4 अप्रैल को वक्री गुरु वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, तब रजत चरण का प्रथम गुरु दैहिक विकार से ग्रस्त करेगा। 5 नवम्बर, 2019 को जब शून्य बजकर 1 मिनट पर बृहस्पति अपनी राशि धनु कुछ नया सिखाएगा। आर्थिक रूप से मामूली लाभ का योग है।
धनु :
शनि बार-बार लेगा आपकी परीक्षा। नया सम्वत् धनु राशि वालों लिए कुछ लाभ साथ क़र्ज़ और उलझन को जन्म देगा। रजत चरण का प्रथम गुरु देह में मामूली ही सही, व्याधियों को जन्म देगा। शनि, इनकी ही राशि में गतिशील होकर धनु राशि के लोगों को साढ़ेसाती के दूसरे चरण से ग्रसित कर रहे हैं। लौह पाद का प्रथम शनि आपकी बार-बार परीक्षा लेगा और धैर्य धारण करने वालों को अनुभवों की सौगात देगा। राहू मिथुन में और केतु धनु में है। यह गुरु हानि और लाभ दोनों तरह के अनुभव कराएंगी। रिश्तों को अहम से दूर रखें। उदार बने।
मकर :
केतु कराएगा आर्थिक लाभ। नव सम्वत् में शनिदेव अपने 62 चंद्रमाओं के साथ धनु राशि में आसीन हैं। सदगुरुश्री कहते हैं कि सूर्य का यह पुत्र मकर राशि के लोगों को साढ़ेसाती के प्रथम चरण से ग्रसित कर रहा है। यह शनि आपकी परीक्षा लेगा, और धैर्य धारण करने वालों को अनुभवों की अदभुत सौग़ात देगा। राहू मिथुन में और केतु धनु में हैं। स्वर्ण चरण का छठा राहू व बारहवां केतु आर्थिक लाभ कराएगा। करियर में आलोचकों से परेशान न हों। नौकरीपेशा लोगों पर दबाव बढ़ेगा। आर्थिक पक्ष मध्यम रहेगा। जोखिम न लें। वर्ष के मध्य में धन का लाभ होगा। कारोबार में विस्तार के लिए ऋण लेने की ज़रूरत महसूस होगी। संपत्ति में निवेश से बचें।
कुंभ :
व्यापारियों के लिए बेहतर है यह साल। शनि अपने 62 चंद्रमाओं को गले में लपेटे, बृहस्पति की राशि धनु में भ्रमणशील हैं। ताम्रपाद का एकादश शनि करियर में नवीन योजनाओं में लाभ दिलाएगा। यह योग नए विचारों और मित्रों के सहयोग से किसी लक्ष्य के प्राप्ति कराएगा। गुरु अपनी राशि धनु में है। लौहचरण का एकादश गुरु आर्थिक संबल देता है। करियर में आपको खूब तरक्की मिलेगी। दूसरों की बात करने से बचें। व्यापारियों के लिए साल सामान्य से बेहतर है। कारोबार में विस्तार का योग है। टर्नओवर बढ़ेगा। नए व्यवसाय में सोच समझ कर हाथ डालें। घुटनों और पीठ में कष्ट संभव। आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी। निवेश के लाभ में कुछ कमी का योग है।
मीन :
आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नव संवत्सर में विदेश से लाभ की स्थिति बनेगी। शनि, धनु राशि में क्रियाशील हैं। रजत पाद का दशम शनि लापरवाही या किसी नियम उलंघन से कष्ट देता है। उल्टी नीयत पर यह शनि अर्श से उठा कर फ़र्श पर पटकने के लिए जाना जाता है। यह योग सच्चे और ईमानदार व्यक्ति को कष्ट नहीं सुख देता है। क़ानून के डंडे से बच कर रहें। पढ़ने, लिखने व नयी विधा को सीखने से अद्भुत लाभ होगा। व्यापार में कोई नया प्रस्ताव मिलेगा। जॉब में नयी संभावनायें आएंगी। समय उत्तम है। किसी अधीनस्थ की सहायता से लाभ होगा। जीवनसाथी के मीठे कड़वे वचनों के बावजूद दांपत्य जीवन ठीक नज़र आ रहा है। संतान की चिंता होगी। किसी पुराने मित्र से तनाव मिलेगा। आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी।