श्वेता के रुतबे में आंच भी नहीं आई

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रायपुर.

कांग्रेस सरकार अब उस श्रेणी में भी शामिल हो गई है जहां फैसले बदलते वक्त नहीं लगता. ऐसा इसलिए क्यूंकि निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता की खास मानी जाने वालीं राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी श्वेता सिन्हा का तबादला निरस्त कर दिया गया. इस तरह श्वेता के रुतबे में कोई आंच नहीं आई.

प्रतिनियुक्ति पर रायपुर परिवहन विभाग में संलग्र की गई श्वेता सिन्हा को 9 फरवरी को विभाग से मुक्त कर दिया गया था. खबरें थीं कि श्वेता नान घोटाले में चल रहीं जांच में हस्तक्षेप कर रहीं थी. सरकार को ये रास न आया और उन्हें जशपुर के एडिशनल एसपी की जिम्मेदारी दे दी गई थी. इसके 6 दिन बाद ही श्वेता का स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया गया.

राज्य पुलिस सेवा की 2002 बैच की अधिकारी श्वेता परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर उप परिवहन आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं. इससे पहले वे रायपुर में ही पुलिस विभाग के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं.

आखिर कैसे हुई वापसी?

बेलगाम और व्यक्ति विशेष के लिए खास बन चुके नौकरशाहों की कांग्रेस सरकार में आफत आई हुई है. ऐसे में श्वेता की वापसी कैसे हुई? इस बड़े सवाल के पीछे कुछ ऐसे तथ्य हैं जो एप्रोच पॉवर को साबित करते है.

दरअसल, श्वेता सिन्हा के पति तारण प्रकाश सिन्हा हैं. ये वही हैं जो इन दिनों जनसंपर्क विभाग की कमान संभाले हुए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसंपर्क विभाग अपने पास ही रखा है.

प्रदेश में जनसंपर्क विभाग का अपना रुतबा है. ऐसे में तारण प्रकाश की मुख्यमंत्री से नजदीकी लाज़मी है. संभव है कि इसी एप्रोच का फायदा श्वेता को मिला है.

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