7 मांगों को लेकर आंदोलन पर उतारु हुए 75 हजार पुलिसकर्मी
रांची.
छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों के जिस अभियान ने सरकार को परेशान कर रखा था वैसा ही कुछ अब झारखंड में सामने आ रहा है. दरअसल यहां के 75 हजार पुलिस कर्मियों ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन का आगाज किया है. वहीं चिंताजनक यह है कि पुलिस कर्मियों ने मांगे न मानने पर 5 दिन का सामूहिक अवकाश लेने की बात कही है.
आंदोलन के लिए झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन और झारखंड पुलिस एसोसिएशन के इंस्पेक्टर और जिला बल के जवान आंदोलन को तैयार हैं. शुक्रवार को इस संबंध में बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई.
तीन चरणों में आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गयी. आंदोलन की शुरुआत 12 फरवरी से होगी, जिसमें इंस्पेक्टर से सिपाही तक काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे. दूसरे चरण में 20 फरवरी को ये सभी कर्मी सामूहिक उपवास पर रहेंगे.
इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों को दरकिनार करती है तो 28 फरवरी से 4 मार्च तक 5 दिनों तक 75 हजार पुलिस कर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे. पुलिस एसोसिएशन के साथ मेंस एसोसिएशन ने भी इसे लेकर हामी भरी है और आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का मन बना लिया है.
13 महीने के वेतन, प्रोन्नति के लिए लिखित परीक्षा की अनिवार्यता को समाप्त करना, नयी के जगह पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने, एसीपी का लाभ, शहीद के परिजनों को नौकरी दिए जाने में उम्र की सीमा में बदलाव, वहीं शहीद के माता पिता को 25 प्रतिशत राशि का प्रावधान सहित कुल 7 मांगों को लेकर इस आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई.
चुनावी माहौल में अगर 75000 पुलिसकर्मी 5 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जाते हैं तो इसका सीधा असर राज की विधि व्यवस्था में देखने को मिलेगा. एसोसिएशन भी इस बातों को जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद आंदोलन को लेकर आडिग हैं.
किसी भी प्रदेश की सरकार की शक्ति उसकी पुलिस होती है और जब सरकार के अस्त्र ही उसके खिलाफ हो जाये तो ये चिंता का विषय है ऐसे में देखना होगा कि आखिऱ सरकार कैसे इनसे निपटेगी.