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रायपुर.
नई सरकार में बेपटरी हुए अधिकारियों का चैन धीरे-धीरे वापस आ रहा है. शुक्रवार की रात एक आदेश जारी किया गया. इसमें अंतागढ़ टेप कांड की जांच कर रही टीम का पर्यवेक्षक आईपीएस जीपी सिंह को बनाया गया.
इससे पहले यह दायित्व रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को मिला था जिन्हें हटा दिया गया है. बात करें आईपीएस सिंह की तो वे दुर्ग रेंज के आईजी हुआ करते थे. लेकिन नई सरकार में उन्हें पीएचक्यू बुला कर बैठा दिया गया था. अब जाकर उनकी वापसी हुई है. वो भी एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ.
आईपीएस सिंह को मिली इस जिम्मेदारी के बाद कई और अधिकारी हैं जो सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. खासकर आईएफएस वर्ग के अधिकारी.
ऐसा इसलिए है क्यूंकि लगभग माह भर से अन्य विभागों में उच्चाधिकारी बने बैठे आईएफएस को सरकार ने मूल विभाग की ओर धकेल दिया है. अब विभाग भी इन्हें पोस्टिंग देने में सुस्ती बरत रहा है.
आलम है कि उच्च सुख भोग रहे अधिकारी अब निठल्ले बैठे हैं. न गाड़ी है और न ही कोई काम. लगातार फेरे लग रहे हैं पोस्टिंग पाने के लिए. वहीं उच्चाधिकारी जैसे पदों से वापस लौटे इन अधिकारियों को विभाग आराम देने की राय रखता है.
तीन पद खाली, अफसर हैं 6
देखा जाए तो विभाग में एडिशनल पीसीसीएफ के तीन पद खाली हैं जबकि छह अफसर पोस्टिंग लेने कतार मे हैं.
आईएफएस संजय शुक्ला, पीसी मिश्रा, सुधीर अग्रवाल, संजय ओझा, रामाराव, नरसिम्हाराव, सुनील मिश्रा और नरेंद्र पाण्डेय उनमें शामिल हैं जिन्हें मंत्रालय से वापस विभाग भेज दिया गया है. अब इनकी पदस्थापना के लिए मारामारी चल रही है.