रायपुर.
भूपेश बघेल सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने मंत्री पद की शपथ ली।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई अन्य दलों के नेता मंच पर मौजूद रहे।
शपथ से कुछ घंटे पहले ही बारिश के चलते समारोह स्थल बदल दिया गया था।
पहले शपथ ग्रहण साइंस कॉलेज मैदान में होना था, जो कि अब बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में हुआ।
जिन्होंने ने दिया आशीर्वाद
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शरद यादव,नवजोत सिंह सिद्धू, सचिन पायलट, राज बब्बर, जतिन सिंह, नवीन जिंदल, राजीव शुक्ला, आनंद शर्मा, गुरुदास कामत, मल्लिकार्जुन खड़गे, मोहसिना किदवई, प्रमोद तिवारी, फारूख अब्दुल्ला, नारायण सामी भी समारोह में शरीक हुए।
क्यूं चुने गए भूपेश
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मजबूती देने में योगदान। राहुल ने जो भी जिम्मा सौंपा, बघेल उस पर खरे उतरे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर पिछले 5 साल में कांग्रेस को मजबूती दी। बघेल ने बोल्ड स्टैंड लिया और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को पार्टी से बाहर किया।
संगठन को एकजुट बनाए रखा। भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रामक रहे। भाजपा नेताओं के साथ कभी मंच साझा नहीं किया।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से हाथ नहीं मिलाया। विधानसभा में विपक्ष की मजबूत तस्वीर पेश की।
बघेल का पुराना इतिहास
23 अगस्त 1961 को जन्मे बघेल 80 के दशक में यूथ कांग्रेस से राजनीति में आए।
2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तब वह पाटन सीट से विधायक थे। जोगी सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया।
2003 में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने पर बघेल को विपक्ष का उपनेता बनाया गया। 2013 में झीरम घाटी हमले के बाद कांग्रेस को एक बार फिर से खड़ा करने में बघेल ने अहम भूमिका निभाई।
2014 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। हालांकि, वे सीडी कांड की वजह से भी सुर्खियों में रहे।
सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।