रायपुर।
विधानसभा में गुरुवार का दिन भी हंगामेदार रहा। विपक्ष सहित जोगी कांग्रेस के नेताओं ने पौधरोपण की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। वनमंत्री महेश गागड़ा से पूछा गया कि पौधरोपण में अलग-अलग दर पर कैसे खरीदी हो रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेसी सदस्यों ने वाकआऊट भी कर दिया।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से जुड़े अमित जोगी ने पौधरोपण के नाम पर नीलगिरी के पौधे को जरुरत से ज्यादा दर पर खरीदी का आरोप लगाया। जोगी ने सरकार की खरीदी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो नीलगिरी का पौधा आंध्र प्रदेश को 5 रुपया प्रति पौधा के हिसाब से उपलब्ध कराया गया, वही पौधा छत्तीसगढ़ में 18 रुपये प्रति पौधा के हिसाब से खरीदा गया। जवाब में मंत्री गागड़ा ने कहा कि ट्रांसपोर्टिंग संबंधी प्रक्रियाओं की वजह से कीमत बढ़ जाती है।
पौधे क्यों नहीं पनपते
जोगी ने उद्योगों के कंपीसेट्री फारेस्टिंग का मामला उठाते हुए कहा कि सीएसआर मद के तहत जितने पौधे लगाये गए उनकी क्या स्थिति है, यह जानना जरुरी है। जोगी ने पूछा कि जितना पौधरोपण हुआ है उसकी देखभाल कैसे और किस तरह से होती है क्यूंकि अधिकांश पौधे सुरक्षित ही नहीं रह पाते हैं। इस पर गागड़ा ने जीपीएस और ड्रोन के जरिए पौधों की स्थिति पर नजर रखने की बात कही।
इधर, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने दस्तावेजों का हवाला देते हुए गागड़ा को घेरने का प्रयास किया। पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने भी मामले में जांच की मांग की। उन्होंने इसे गंभीर मसला बताया। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरु कर दी। नारा लगाते हुए विपक्ष सदन से बाहर निकल गया।