बाबूलाल की जमानत का क्‍या असर होगा ?

शेयर करें...

रायपुर।

प्रदेश के बहुचर्चित व रिश्‍वत लेने नहीं बल्कि देने के आरोपी आर्इएएस बाबूलाल अग्रवाल को अंतत: सीबीआई की स्‍पेशल कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। अब इसके बाद सवाल इस बात का उठ रहा है कि छत्‍तीसगढ़ के प्रशासन व नौकरशाही पर बाबूलाल की जमानत का आने वाले दिनों में क्‍या असर होगा। ऐसे तीन सवाल हैं जो कि प्रशासनिक तंत्र पर हावी नजर आते हैं।

छत्‍तीसगढ़ प्रदेश के पहले आईएएस बाबूलाल अग्रवाल ही हैं जिन्‍हें रिश्‍वत देने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। दरअसल, बाबूलाल सीबीआई को ही खरीदने चले थे। इस काम में फौरी तौर पर उनकी मदद करने के आरोप में भगवान सिंह के साथ सैय्यद बुरहानुद्दीन की भी गिरफ्तारी हुई थी। इधर, बाबूलाल की मदद करने और रिश्‍वत का इंतजाम कर उसे संबंधित लोगों तक पहुंचाने के आरोप में बाबूलाल के साले आनंद अग्रवाल भी सीबीआई के मार्फत तिहाड़ जेल की हवा खा चुके हैं। अब जाकर बाबूलाल सहित तीन अन्‍य आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत (पटियाला कोर्ट) ने जमानत दे दी है।

क्‍या कुछ होगा भविष्‍य में
सर्वश्री बाबूलाल अग्रवाल को जमानत मिलने के बहुत से निहितार्थ भी हैं। दरअसल, बाबूलाल ने अब तक सार्व‍जनिक तौर पर अपना मुंह नहीं खोला है। क्या कुछ उन्‍होंने सीबीआई को बताया ये तो जांच एजेंसी ही जाने लेकिन बाबूलाल ने लोगों के सामने चुप्‍पी साध रखी थी। बाबूलाल ने क्‍यूं रिश्‍वत देने की पेशकश की थी अथवा ईओडब्‍लू को क्‍यूं उन्‍होंने चुना था यह सवाल छत्‍तीसगढ़ के नौकरशाहों के दिमाग में कौंध रहा है। अब जबकि बाबूलाल जमानत पर रिहा कर दिए गए हैं तो ये तीन सवाल बड़ी तेजी से छत्‍तीसगढ़ के प्रशासनिक तंत्र पर हावी हो रहे हैं।

पहला सवाल, सीबीआई के किस अफसर को आर्इएएस बाबूलाल अग्रवाल रिश्‍वत देना चाहते थे ?
दूसरा सवाल, ईओडब्‍लू में अपने केस को क्‍यूं कर आईएएस बाबूलाल अग्रवाल स्‍थानांतरित करवाना चाहते थे ?
तीसरा सवाल, आईएएस बाबूलाल अग्रवाल को किस सेटिंग के आधार पर पदोन्‍नति मिली थी ?

CBIIAS babulal Agrawal case
Comments (0)
Add Comment