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राजनांदगांव। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी और स्टेट वेट लिफ्टर एसोसिएशन की एक कार्यवाही से राजनांदगांव का नाम रौशन होने के स्थान पर दूषित हुए नजर आ रहा है। जय भवानी व्यायाम शाला के लिए भी यह बदनुमा दाग है। कोच अजय लोहार सहित उनके अधीन प्रशिक्षण लेने वाली एकता बंजारे और मिथलेश सोनकर अब सालों तक प्रतिबंधित रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने एकता और मिथलेश का दो टेस्ट कराया था। रविवार को जब विश्व ओलंपिक दिवस के कार्यक्रम में व्यस्त था तब दोनों खिलाड़ियों सहित इनके कोच अजय लोहार को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई।
क्या है मामला ?
दरअसल, राजनांदगांव को खेल और खिलाड़ियों की अच्छी भावना के लिए जाना जाता है। यह वही शहर है जहां छोटे-छोटे बच्चे हांकी स्टीक लिए ग्राउंड में नजर आते हैं। इस शहर को काफी समय से हाकी की नर्सरी का नाम मिला हुआ है।
अब इसी शहर में दिगर खेल भी विकसित हुए जा रहे हैं लेकिन इसमें अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने की गलत भावना घर कर रही है। तभी तो खेलो इंडिया इंटर जोन प्रतियोगिता में भाग लेने वाली एकता और मिथलेश ने सफलता के लिए गलत तरीके अपनाए।
ये दोनों खिलाड़ी जय भवानी व्यायाम शाला के अधीन कोच अजय लोहार से वेट लिफ्टिंग सीखा करती थी। 9 अक्टूबर को अचानक मिथलेश का डोप टेस्ट नाडा द्वारा लिया गया था। इसी साल 19 मार्च को ऐसा ही कुछ एकता के साथ हुआ।
दोनों की डोप टेस्ट की रपट पॉजीटिव प्राप्त होने के बाद इन्हें 4 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। मतलब ये इन वर्षों में किसी भी स्तर की स्पर्धा में भाग नहीं ले पाएंगे। इसी तरह की कार्यवाही इनके प्रशिक्षक अजय लोहार पर की गई है।
नाडा के इस कार्यवाही के तुरंत बाद स्टेट वेट लिफ्टर संघ ने भी कोच अजय लोहार सहित मिथलेश सोनकर व एकता बंजारे से आंखे तरेर ली है। तीनों को निकाल बाहर कर दिया गया है। मामला बेहद स्पष्ट है कि अब इनका भविष्य नहीं बचा है।
उल्लेखनीय है कि डोप टेस्ट में पाजीटिव पाए गए इन खिलाड़ियों ने प्रतिबंधित स्टेराइड दवा का सेवन किया था। नाडा ने इस पर इनके सहित इनके प्रशिक्षक अजय लोहार को इस कारण निलंबित करने की सजा सुनाई की उसने अपनी जिम्मेदारियों का ठीक ढंग से निर्वहन नहीं किया था।
इन दोनों खिलाड़ियों का एक समय भविष्य उज्जवल माना जाता था। दोनों स्टेट और नेशनल लेवल के टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किए जा रहे थे। कई मर्तबा इन्होंने पदक भी हासिल किए थे। इस कारण इन्हें प्रशिक्षण देने वाले अजय लोहार भी नाम कमा रहे थे। पिछले साल ही उन्हें एक अन्य खिलाड़ी की सफलता को लेकर प्रदेश के तत्कालीन मुखिया से प्रशंसा भी मिली थी। और आज निलंबन जैसी सजा भोग रहे हैं।