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राजनांदगांव. राज्य के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जिसेे ईओडब्ल्यू के नाम से भी जाना जाता है में अतिशीघ्र राजनांदगांव जिले का भी नाम ‘‘रौशन’’ होगा। दरअसल, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव के पूर्व अध्यक्ष नवाज खान और उनके द्वारा की गई अनियमितताओं की शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई जाएगी। इसका भान आज तब हुआ जब सहकारिता से जुड़े भाजपा नेता सचिन सिंह बघेल ने पत्रकारवार्ता को संबोधित किया।
संसदीय क्षेत्र में इन दिनों नवाज खान बहुत बड़ा नाम हो गया है। कांग्रेस सरकार के समय नवाज खान के इर्द-गिर्द अविभाजित राजनांदगांव सहित कवर्धा जिले की राजनीति घुमा करती थी। नवाज इतना बड़ा नाम हो गया था कि वह कलेक्टर, एसपी को भी दिशा-निर्देश देते हुए नजर आता था।
समय बदला… सरकार बदली और जिले की राजनीतिक पहुंच भी बदल गई। अब न तो नवाज खान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष रहे हैं और न ही कांग्रेस के भीतर और बाहर उनका पहले जैसा रूतबा रहा है। फिर भी भाजपा उन्हें अपने हाल पर छोड़ने से ज्यादा भरोसा टारगेट में लेने पर लगाए हुए हैं।
बीते 3 दिनों से भाजपा के केन्द्रीय चुनाव कार्यालय में हो रही पत्रकारवार्ताओं में कहीं न कहीं, कभी न कभी नवाज खान के नाम का उल्लेख हुआ है। सोमवार को तो नवाज खान और उनके भ्रष्ट तौर तरीकों को लेकर सचिन सिंह बघेल जो कि पिछली भाजपा सरकार के समय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं ने बकायदा पत्रकारवार्ता ली। इसमें उन्होंने नवाज खान पर गंभीर से गंभीर आरोप लगाए।
बघेल ने कहा कि बैंक अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद नवाज खान ने अपने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बैंक के फंड से 3 लाख रूपए खर्च कर दिये थे जबकि इस तरह के कार्यक्रम का कोई प्रावधान ही नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन पर ठेकवा में हुए सम्मेलन पर 10 लाख रूपए, भर्रेगांव किसान सम्मेलन के नाम पर 13 लाख रूपए, तेलंगाना से आए किसानों की आवभगत पर 10 लाख रूपए बैंक के फंड से खर्च करवा दिए।
उनके अनुसार इतना होने के बाद भी नवाज की भूख शांत नहीं हुई। बघेल ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि दिल्ली भ्रमण के नाम पर बैंक के फंड से 3 लाख रूपये उन्होंने खर्च किए। कवर्धा जिले में नवीन शाखाओं को खोलने के नाम पर 28 लाख रूपये नवाज ने बैंक के मद से खर्च करवाए। पिजा, बर्गर से लेकर चिकन-मटन, होटलों के बिल के नाम पर तकरीबन 10 लाख रूपये का खर्च हुआ है।
सचिन बघेल बताते हैं कि नवाज खान ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव की दो बोलेरो को बगैर किसी निविदा के अपने रिश्तेदारोें को बेच दिया। इसमें भी बेहद कम कीमत बैंक को प्राप्त हुई। अब जबकि बैंक के पास पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं है तो उसे किराए के वाहन में हजारों रूपये व्यय करने पड़ रहे हैं।
प्रशासक नियुक्त होने के तुरंत बाद अपने साले को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में नियुक्त कराने का आरोप भी नवाज खान पर सचिन सिंह बघेल ने मड़ा। बघेल बताते हैं कि यह नियमों के विपरीत था इसके बाद भी 55 कर्मचारियों की इसी तरह से नवाज के कार्यकाल के समय नियुक्ति हुई और वेतन भुगतान के नाम पर तकरीबन 1 करोड़ रूपये खर्च हुए। जब विधानसभा में पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सवाल उठाया तब जाकर ये सभी कर्मचारी बेदखल किए गए।
बहरहाल, अब नवाज खान एक नई मुसीबत का सामना करने वाले हैं। आने वाले समय में यह पूरा प्रकरण आर्थिक अनियमितता के चलते ईओडब्ल्यू के सुपुर्द हो सकता है। यदि ईओडब्ल्यू में शिकायत हुई तो नवाज कभी भी किसी भी समय गिरफ्तार किए जा सकते हैं।