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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से परिवर्तन यात्रा पर भरोसा जताया है। 2003 के बाद भाजपा पहली मर्तबा प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की चाह में यात्रा निकालने जा रही है। हालांकि 2004 से 2018 के दौरान अपनी ही पार्टी की सरकार होने के चलते भाजपा को कभी परिवर्तन यात्रा जैसे नाम की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन इस बार इसी नाम से यात्रा निकलने वाली है।
भाजपा का प्रदर्शन 2018 में बेहद कमजोर रहा था। पन्द्रह साल प्रदेश में राज करने के बाद उसे पन्द्रह सीटों पर ही जीत मिल पाई थी। तब से आज तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियां-रीतियां भाजपा के लिए परेशानी खड़ी करती रही है। इस बार वह 12 और 16 सितंबर से परिवर्तन यात्रा निकालकर अपनी सभी परेशानियों का हल ढूंढने का प्रयास करेगी।
पहली दंतेवाड़ा से
पहली यात्रा दंतेवाड़ा से रवाना होगी। इसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे। दंतेवाड़ा से बिलासपुर तक का सफर 16 दिनों में पूरा होगा। कुल जमा 1728 किमी की यात्रा इस दौरान होगी। तीन संभाग के 21 जिले इस यात्रा में कवर किए जाएंगे।
45 आम सभाएं, 32 स्वागत सभाएं और 5 रोड शो करने वाली पहली परिवर्तन यात्रा के दौरान प्रतिदिन 108 किमी का सफर यात्रा में शामिल भाजपाई तय करेंगे। इस यात्रा का नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व बिलासपुर सांसद अरूण साव करेंगे।
दूसरी जशपुर से
दूसरी परिवर्तन यात्रा जशपुर नगर से प्रारंभ होगी। यहां आदिवासियों की आराध्य देवी खुडि़या रानी की पूजा अर्चना करने के बाद इस यात्रा को राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे। 12 दिन में दो संभागों के 14 जिलों में आने वाली 39 विधानसभा सीटों को कवर कर यह यात्रा 1261 किमी चलेगी। मतलब प्रत्येक दिन में 105 किमी का सफर यात्रा के दौरान भाजपाई करेंगे।
39 आम सभाओं और 53 स्वागत सभाओं में शामिल इस यात्रा का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल करेंगे। इस यात्रा का भी समापन बिलासपुर में ही होगा। बिलासपुर की पावन धरा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा कराकर भाजपा राज्य में सत्ता परिवर्तन करने की मांग यहां की जागरूक जनता से करेगी।