नेशन अलर्ट/www.nationalert.in
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के तकरीबन 16 आईपीएस और 12 आईएएस अधिकारी केंद्र के निशाने पर हैं। केंद्रीय स्तर पर इनके विरूद्ध जांच का हवाला देते हुए दावा किया जा रहा है कि इनमें से कई गिरफ्तार हो सकते हैं जबकि कई सेवा से विमुख किए जा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मुहायने पर खड़ा है। कभी भी आदर्श आचार संहिता की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आदर्श आचार संहिता के घोषित होते ही कलेक्टर-एसपी जैसे भारी भरकम पदों पर पदस्थ अधिकारी सीधे चुनाव आयोग के अधीन हो जाएंगे। तब कुछेक आईएएस और आईपीएस को चुनाव आयोग हटा भी सकता है।
इसके पहले से इन दिनों छत्तीसगढ़ की फिजां में ईडी सहित राष्ट्रीय स्तर की अन्य जांच एजेंसियों का खौफ तैर रहा है। ईडी आए दिन छापेमारी कर रही है। दो आईएएस अफसर सहित राज्य प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी और बड़े व्यापारी ईडी की गिरफ्त में आकर जाल में ऐसे उलझे कि इन दिनों जेल की हवा खा रहे हैं। पुलिस के भी छोटे कर्मचारी जेल भेजे जा चुके हैं। कर्मचारी भले ही छोटे हैं लेकिन कारनामे बड़े हैं।
लटक रही तलवार
मामला अब गंभीर मोड़ पर आ गया है। दावा किया जा रहा है कि तकरीबन 16 आईपीएस और 12 आईएएस की फाइल इन दिनों दिल्ली में खोली जा चुकी है। फाइलों का अध्ययन किया जा रहा है। कभी भी इस पर किसी भी तरह का एक्शन लिया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इतनी बड़ी तादाद में छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक लॉबी कार्यवाही का शिकार होगी कि इतिहास इसे याद रखेगा।
ऐसा दावा ‘नेशन अलर्ट’ नहीं करता। फिर भी इस तरह के दावे हो रहे हैं। भोपाल निवासी विजया पाठक नाम की महिला पत्रकार ने कईयों को इस तरह का संदेश भेजा है जिसमें उन्होंने उक्त बातों को दोहराया है। विजया पाठक वही पत्रकार है जिन्होंने अपनी खबरों से न केवल सनसनी फैलाने का काम किया है बल्कि सरकारों की नींद भी उड़ाई है।