रायपुर।
प्रदेश के बहुचर्चित आईएएस बाबूलाल अग्रवाल परिवार से जुड़ी प्राइम इस्पात कंपनी को सीए सुनील अग्रवाल ने ही पंजीकृत कराया था. प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के बाद गिरफ्तार किए गए सीए सुनील ने बोगस बैंक अकाऊंट और कागजों में कंपनी खड़ी कर बाबूलाल अग्रवाल के पैसे को ठिकाने लगाने का काम किया था.
इन दिनों बाबूलाल अग्रवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. इधर, उनके खिलाफ सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी एक तरह से जांच की मुहिम छेड़ दी है. ईडी की शिकायत पर ही बाबूलाल के सीए सुनील विवादों में आएं हैं. सुनील अग्रवाल ने बाबूलाल अग्रवाल की काली कमाई के 36 करोड़ रुपये कागजी कंपनियों में निवेश किये थे. पंडरी पुलिस सुनील अग्रवाल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में लगी हुई है.
सीनियर आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की काली कमाई को वैध बनाने के खेल के मुख्य सहयोगी सीए सुनील अग्रवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. सुनील अग्रवाल के खिलाफ ईडी को पुख्ता सबूत मिले हैं कि सीए सुनील अग्रवाल ने बाबूलाल अग्रवाल की करोड़ों रुपए की काली कमाई को किस तरह से बोगस बैंक अकाउंट और कागजों में कंपनी को खड़ा कर निवेश किया था.
खुद निदेशक था सुनील
सीए सुनील अग्रवाल मुख्य रूप से प्राइम इस्पात लिमिटेड और उसके डायरेक्टर के आयकर रिटर्न और कंपनी के ऑडिट का कार्य देखते थे. खास बात ये है कि प्राइम इस्पात कंपनी को सुनील अग्रवाल ने ही रजिस्टर्ड कराया था. इसमें सुनील अग्रवाल खुद निदेशक था.
इसके साथ ही सुनील अग्रवाल ने बाबूलाल अग्रवाल की काली कमाई को एक नंबर करने के लिए 13 कंपनियों को कागजों में तैयार किया, इतना ही नहीं खरोरा के आसपास के गांवों के ग्रामीणों के नाम 446 फर्जी खाते खोले. इनमें पैसा जमा किया गया और इन खातों के पैसे सीधे बाबूलाल अग्रवाल की 13 कंपनियों में ट्रांसफर होते थे.
तिहाड़ जेल में बंद बाबूलाल अग्रवाल के सीए सुनील अग्रवाल को पंडरी पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. सीएसपी संजय धु्रव का कहना है कि पुलिस सुनील अग्रवाल को विधिवत गिरफ्तार करने के बाद रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी.