सारूंडा : जहाँ स्थापित है चार सौ साल पुराना लक्ष्मीनारायण मँदिर
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सारूंडा.
यह वह गाँव है जहाँ 400 साल पुराना श्री लक्ष्मीनारायण मँदिर स्थापित है. कालांतर में जर्जर हो चुके इस मँदिर का जीर्णोद्धार इन दिनों करवाया जा रहा है. नवरात्रि के शुभ अवसर पर इस मँदिर को पुनः उसका वैभव लौटाने का सँकल्प गाँववालों ने लिया.
दरअसल, विक्रम सँवत 2082 की शुरूआत में सारूंडा के इस मँदिर का जिक्र इसलिए जरूरी हो जाता है क्यूं कि यहाँ निवास करने वाले शाकद्वीपिय ब्राह्मण समाज जिन्हें सेवग के भी नाम से जानते हैं इस मँदिर को पुनः बनाने लगे हुए हैं.
सेवग ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ सदस्य हीरालालजी बताते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन गाँव में रैली निकाली गई. रैली में गाँव के तकरीबन सभी समाजों के लोग शामिल हुए.
क्या है इतिहास . . ?
इतिहास के पन्ने पलटते हुए हीरालाल जी बताते हैं कि प्राचीन समय 1010 से 1054 के बीच यह गाँव पंवार राजपूतों की राजधानी थी. गाँव के टूटने के कारण उन्होंने यह राजधानी छोड़ दी थी.
हीरालालजी बताते हैं कि सारुंडा राजस्थान के सबसे पुराने स्थानों में से एक है. पंवार राजपूतों के बाद जहां राव मंडलो जी ने 1522 में 84 गांवों के स्वतंत्र राज्य के साथ अपनी राजधानी स्थापित की थी.
उनके बताए मुताबिक सरुंडा मंडलावत (राठौड़) की मातृभूमि है. मंडलावत (राठौड़) राजपूतों में एक बहुत बहादुर जाति है. भारत में मंडलावत संख्या में बहुत कम हैं. मंडलावत बीकानेर जिले के सरुंडा, हिसार, चरकड़ा, सिल्वा, केरली, टाट और जालौर जिले के भावरानी, पनवा और जालौर के अन्य स्थानों में मौजूद हैं.
सरुंडा किला वर्तमान में देखने के लिए बहुत ऐतिहासिक स्थान है. आखिरी बार जब भारत स्वतंत्र हुआ था, तब सरुंडा 12वां गांव जागीर था. ठाकुर विशाल सिंह जी के समय में सोने की चेन के साथ डोलडी ताजिम के साथ सरुंडा गांव वर्तमान समय में बहुत लंबा क्षेत्र है.
सरुंडा गांव मंडलावतो और अन्य राजपूत परिवारों के निवास में है. सभी जाति के लोग सरुंडा में रहते हैं. सरुंडा सरपंच रहे रानी दानसिंह सांखला के समय गाँव में बहुत सारे विकास कार्य किए थे. फिलहाल सरपँच का दायित्व चेतनराम डूडी के पास है. सचिव प्रदीप बेनीवाल हैं.
कहाँ स्थित है . . ?
सरुंडा भारत के राजस्थान राज्य के बीकानेर जिले की नोखा तहसील अँतर्गत एक गाँव है. यह बीकानेर संभाग के अंतर्गत आता है. यह जिला मुख्यालय बीकानेर से 97 किलोमीटर दक्षिण की ओर स्थित है. नोखा से 49 किलोमीटर दूर है. राज्य की राजधानी जयपुर से 297 किलोमीटर दूर स्थित सरुंडा का पिन कोड 334803 है और डाक मुख्यालय नोखा है.
भादला (15 किलोमीटर), स्वरूपसर (15 किलोमीटर) सरुंडा के नजदीकी गाँव हैं. सरुंडा उत्तर में नोखा तहसील, पूर्व में मूंडवा तहसील, दक्षिण में ओसियां तहसील, उत्तर में कोलायत तहसील से घिरा हुआ है. नोखा, नागौर, सियाणा, बीकानेर सरुंडा के नजदीकी शहर हैं.
जनगणना विवरण . . .
सरुंडा की स्थानीय भाषा राजस्थानी है. सरुंडा गांव की कुल आबादी 2011 के मुताबिक 10375 है और घरों की संख्या 1583 रही है. हालाँकि अभी जनसंख्या 15 हजार के ऊपर बताई जाती है.
महिला आबादी 46.8% है. गाँव की साक्षरता दर 40.2% और महिला साक्षरता दर 13.6% है. सरुंडा अथवा सारूँडा ग्राम पंचायत बीकानेर जिला परिषद के पांचू पंचायत समिति में एक ग्रामीण स्थानीय निकाय है.
सरुंडा ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में कुल 2 गांव हैं. ग्राम पंचायत सरुंडा को आगे 15 वार्डों में विभाजित किया गया है. ग्राम पंचायत सरुंडा में लोगों द्वारा चुने गए कुल 16 सदस्य हैं.
निकाली गई रैली
बहरहाल, नवरात्रि के पहले दिन रविवार को गाँव में सनातनियों के द्वारा रैली निकाली गई. हीरालालजी बताते हैं कि 1682 में ठाकुर शकतसिंह मँडलावत राठौर के समय स्थापित इस मँदिर के सामने से यह रैली निकली. इस दौरान सेवग समाज की महिलाओं युवतियों ने पुष्प वर्षा कर रैली का स्वागत किया.

