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बिलासपुर/रायपुर.
छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ एक बार फिर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. दंतेवाड़ा के विधायक रहे भीमा मंडावी की हत्या की जांच कर रही एनआईए को जांच जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं. इस पर अब मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
उल्लेखनीय है कि विधायक रहे भीमा मंडावी की हत्या नक्सलियों ने लोकसभा चुनाव के दौरान कर दी थी. इस हत्याकांड की जांच करने का जिम्मा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंपा था.
जबकि दूसरी और राज्य सरकार ने अपनी पुलिस को यह मामला सौंप दिया था. एनआईए ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने जब एनआईए के पक्ष में फैसला सुनाया तो राज्य सरकार ने डबल बैंच में अपील की.
अब जाकर डबल बैंच ने भी राज्य सरकार के खिलाफ फैसला दे दिया है. उसने यह कहते हुए राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी है कि अपने एक्ट के अनुसार एनआईए इस हत्याकांड की जांच कर सकती है. साथ ही साथ उसने भीमा मंडावी हत्याकांड के सारे दस्तावेज एनआईए के सुपुर्द करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले पर कहा है कि वह इस पर विधि विशेषज्ञों एवं अधिकारियों से चर्चा करेंगे. इसके उपरांत सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
बहरहाल यह हाईकोर्ट में सरकार की बड़े मामलों में कमजोर प्रदर्शन वाली बात है. इसके पहले भी राज्य सरकार डॉ. पुनीत गुप्ता, आईपीएस मुकेश गुप्ता, स्टेनो रेखा नायर जैसे मामलों में हाईकोर्ट में ठीक ठाक प्रदर्शन नहीं कर पाई थी.