जगदलपुर।
सुकमा कलेक्टर की तर्ज पर बीजापुर के कलेक्टर व एडिशनल कलेक्टर के कथित अपहरण की साजिश नाकाम हो गई है. दरअसल, तेलंगाना ने इस बारे में राज्य की पुलिस को सूचना दी थी. सूचना पर तत्काल हरकत में आई पुलिस ने कलेक्टर व एडीएम को नक्सलियों के हाथों अपहृत होने से बचा लिया.
यह मामला तब का है जब मुख्यमंत्री जगदलपुर पहुंचे थे. विशाखापटनम के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन को हरीझंडी दिखाने सीएम डॉ. रमन सिंह आए थे. जगदलपुर पहुंचे सीएम रमन सिंह से जब मीडिया कर्मियों ने सवाल किया तो उन्होंने इसे टाल दिया. दरअसल बीजापुर डीएम डॉ एयाज तम्बोली और संयुक्त कलेक्टर केआर भगत के अपहरण की नक्सली साजिश तेलंगाना पुलिस की सूचना से नाकाम जरूर हो गई, लेकिन बस्तर में अनजाना खतरा बना हुआ है.
25 तारीख को होना था अपहरण
25 मार्च को छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर बसे गांव कोत्तापल्ली के जनसमस्या निवारण शिविर से इन अधिकारियों के अपहरण की पूरी तैयारी नक्सलियों ने कर रखी थी. अधिकारियों की गाड़ी के रंग से लेकर नम्बर तक की जानकारी माओवादियों ने जुटा ली थी. 40 से 50 की संख्या में ग्रामीण की वेशभूषा में नक्सली तैनात थे.
उस दिन डीएम किसी आवश्यक सरकारी काम की वजह से शिविर नहीं जा सके थे, जबकि संयुक्त कलेक्टर जब रास्ते में थे तब तारलागुडा के टीआई ने उन्हें फोन पर अपहरण की सूचना दी, जिसके बाद वो वापस लौट आए. सूचना के आधार पर पड़ताल की गई तो मामला सही पाया गया.
इससे पहले नक्सलियों ने 24 अप्रैल 2011 को सुकमा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन का अपहरण किया था. उस समय मध्यस्था के जरिये एलेक्स को रिहा कराया गया था. नक्सली फिर से यही कांड दोहराना चाहते थे.