नेशन अलर्ट, 97706-56789
रायपुर.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंद्रह साल सत्ता में रहने के बाद विपक्ष की भूमिका लगता है भूल गई है या फिर उसे अधिकारियों पर अटूट विश्वास है. तभी तो लोकसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के किसी भी आईएएस-आईपीएस अफसर की शिकायत नहीं की गई है.
दरअसल मामला भाजपा के दो रूख व रूप से जुड़ा हुआ है. मध्यप्रदेश भाजपा ने विपक्ष के तेवर दिखाए हैं. वहां कई कलेक्टर-एसपी की शिकवा शिकायत की गई.
और तो और मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाए जाने की मांग तक भाजपा द्वारा की जा चुकी है. लेकिन वह मध्यप्रदेश है और यह छत्तीसगढ़…
अधिकारियों पर अभी भी है पकड़
लगता है छत्तीसगढ़ के अधिकारी (आईएएस-आईपीएस) पर अभी भी भाजपा प्रेम, रमन प्रेम, अमन प्रेम असर दिखा रहा है. तभी तो इस प्रदेश से ऐसी कोई शिकायत भाजपा की ओर से नहीं आई है जिसमें सरकार को जरा भी तकलीफ हो.
अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या भाजपा तमाम अधिकारियों के काम से संतुष्ट है? क्या सभी अधिकारी भाजपा की बात को तवज्जो दे रहे हैं? क्या कांग्रेस सरकार में रहते हुए अधिकारी भाजपाईयों के काम आसानी से निपटाए जा रहे हैं?
यदि ऐसा है तो यह कांग्रेस के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. लेकिन लगता है कांग्रेस का अपना एक एजेंडा है. इस एजेंडे से बाहर आने कांग्रेस तैयार ही नहीं है. इसी कमजोरी का फायदा कहीं भाजपा उठा तो नहीं रही है?
इस संदर्भ मेें नेशन अलर्ट ने बातचीत करने का प्रयास भी किया. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी से उनके मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पाया लेकिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से संपर्क जरूर हुआ फिर भी बात नहीं हो पाई.
चूंकि कौशिक जी ने कॉल रिसीव नहीं की इसकारण भाजपा का पक्ष पता नहीं चल पाया है.