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दंतेवाड़ा.
नक्सली हमले में विधायक भीमा मंडावी के मारे जाने के बाद अब किंतु परंतु की बात होने लगी है. बताया जाता है कि भीमा मंडावी ने पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के बावजूद आगे बढऩे का फैसला लिया था. इसी दौरान नक्सली ब्लास्ट में उनके सहित जवान मारे गए हैं.
दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव बताते हैं कि दोपहर 3 बजे तक प्रचार के लिए छूट मिली हुई थी. विधायक मंडावी को पचास स्थानीय पुलिस सुरक्षा के लिए दी गई थी.
बुलेटप्रूफ गाड़ी उड़ गई
एसपी के बताए मुताबिक बचेली के थाना प्रभारी ने विधायक मंडावी को आगे जाने से मना किया था फिर भी वह गए. 3 बजे के बाद प्रचार खत्म हो गया था.
पल्लव बताते हैं कि शहरी क्षेत्र में ही लोगों से जनसंपर्क करने कहा गया था. चूंकि मंडावी क्षेत्र को जानते थे इसलिए संभवत: उन्होंने दी गई जानकारी को हल्के में ले लिया.
एसपी के अनुसार इसी दौरान भीमा मंडावी एक स्थानीय मेले में भी रूके थे. इससे उनकी लोकेशन सार्वजनिक हो गई.
दंतेवाड़ा एसपी का कहना है कि आईडी सड़क के बीचोबीच लगी थी. इसी आईडी के चपेट में आकर बुलेटप्रूफ गाड़ी भी उड़ गई.
पल्लव के अनुसार विस्फोट के बाद तकरीबन आधे घंटे तक दोनों तरफ से गोलीबारी भी हुई. विधायक की गाड़ी के ठीक पीछे एक गाड़ी पर पांच व्यक्ति सवार थे. इन सबके मोबाइल लग रहे हैं.
पल्लव बताते हैं कि आईडी की मात्रा तकरीबन 50 किग्रा से ज्यादा ही होगी. नक्सलियों ने विधायक के काफिले पर श्यामगिरी पहाड़ी के आसपास हमला किया है.
दंतेवाड़ा सुकमा रोड पर यह पहाड़ी पड़ती है. रास्ता नकुलनार को जाता है. धमाका इतना जबरदस्त था कि बुलेटप्रूफ गाड़ी 200 मीटर तक उछल गई.
इधर दंतेवाड़ा के कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा के अनुसार श्यामगिरी में साप्ताहिक बाजार आज था. इसी में चुनाव प्रचार के लिए विधायक भीमा मंडावी पहुंचे थे. वहां से लौटने के दौरान यह हादसा हो गया.