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नई दिल्ली/रायपुर.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ ही शिवराज सिंह चौहान व वसुंधरा राजे सिंधिया से भाजपा आलाकमान बुरी तरह से नाराज है. बताया तो यहां तक जाता है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने तीनों को घर बैठने कह दिया है.
भाजपा के लिए यह लोकसभा चुनाव जीतना बेहद जरूरी है. भाजपा से ज्यादा यह जीत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के लिए जरूरी हो जाती है. दरअसल शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वसनीय साथी रहे हैं.
चूंकि इस बार का चुनाव अपने अपने कारणों से एनडीए-यूपीए के लिए करो या मरो का चुनाव है. इस कारण दोनों गठबंधन फूंक फूंक कर कदम उठा रहे हैं.
कांग्रेस जहां अपने तुरूप के इक्के के रूप में प्रियंका गांधी को आगे ले लाई है वहीं भाजपा पुराने मुख्यमंत्रियों को चुनाव लड़ाने की तैयारी में चल रही है.
नहीं तो राजनीति से सन्यास ले लें
पार्टी के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने अमित शाह ने एक विकल्प रख दिया है.
शाह नहीं चाहते हैं कि ये तीनों नेता राज्य की राजनीति में दखल दें. इसी दृष्टिकोण से वे तीनों को लोकसभा चुनाव लड़ाकर केंद्र की राजनीति में लाना चाहते हैं. शाह की इच्छा के विपरीत तीनों नेता राज्य की राजनीति के दायरे से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं है.
दरअसल तीनों नेता लोकसभा चुनाव लडऩे तैयार नहीं है. उन्हें इस बात की चिंता है कि इससे उनका प्रदेश में दखल कम हो जाएगा. यदि दखल कम हुआ तो वह आगामी विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में भी पिछड़ जाएंगे.
इधर वसुंधरा राजे अपने सुपुत्र सांसद दुष्यंत सिंह के लिए पुन: टिकट मांग रही है. अब तक यह माना जाता रहा है कि रमन सिंह के सुपुत्र सांसद अभिषेक सिंह पुन: मैदान में होंगे. लेकिन पार्टी के एक फैसले से इनकी दावेदारी खत्म हो गई है.
अब पार्टी चाहती है कि ये तीनों नेता लोकसभा चुनाव लड़ें. सिंह के साथ ही चौहान व सिंधिया इस बात के लिए राजी होते तैयार नजर नहीं आ रहे हैं. इस पर आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि टिकट तो इन्हीं को मिलेगी, लडऩा है तो लड़ें नहीं तो राजनीति से सन्यास ले लें.