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रायपुर.
भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक छत्तीसगढ़ यानि कि कैग ने छत्तीसगढ़ में अपरिहार्य परिस्थिति निर्मित कर दी है. दरअसल, कैग सालाना रपट में उजागर हुई गड़बडिय़ों की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लू) को सौंपा गया है. मतलब साफ है कि डीएम अवस्थी की जांच डीएम अवस्थी ही करेंगे.
छत्तीसगढ़ में चुनाव के बाद नई सरकार बनी है. नई सरकार ने तमाम तरह के पदों पर नई नियुक्तियां करने का सिलसिला प्रारंभ किया है.
इसी क्रम में कांग्रेस सरकार ने सबसे पहले स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता को हटाकर डीजी का प्रभार संभाल रहे डीएम अवस्थी को ईओडब्लू, एसीबी की जिम्मेदारी सौंपी थी. अब यही जिम्मेदारी अवस्थी के लिए परेशानी का सबब बन रही है.
क्या है मामला
कैग ने पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए कार्यों पर रपट सौंपी है. इस रपट में तमाम तरह की गड़बडिय़ों की ओर इशारा किया गया है.
इस तरह की गड़बड़ी के मामले में जांच की जिम्मेदारी सरकार ने ईओडब्लू को दी है. अब ईओडब्लू वही जांच एजेंसी है जिसके मुखिया डीएम अवस्थी हैं.
कैग की रपट के मुताबिक पुलिस हाउसिंग निगम लिमिटेड ने राज्य में पुलिस वालों के रहने के लिए फ्लैट बनाए हैं. पुलिस हाऊसिंग बोर्ड की भी जिम्मेदारी वही डीएम अवस्थी संभाल रहे हैं जो इन दिनों राज्य के पुलिस मुखिया का प्रभार देख रहे हैं.
कैग की रपट बताती है कि निगम ने न तो निर्माण कार्य का मेन्युअल तैयार किया, न शासन के वर्क डिपार्टमेंट का मेन्युअल अपनाया. वर्ष 2012 से 2017 तक 546.69 करोड़ रुपए के 286 टेंडर के वर्क आर्डर जारी हुए. इनमें से सिर्फ 105 टेंडर के वर्क पूरे हुए.
इसमें 410.66 करोड़ रुपए खर्च हुए. ठेकेदारों द्वारा अपूर्ण छोड़े गए काम की वसूली के लिए अनुबंध में जोखिम-लागत को शामिल नहीं किया गया. इससे 1.10 करोड़ की हानि हुई.
नई सरकार, नई व्यवस्था
पिछली सरकार के समय कैग की रपट विधानसभा में पेश होने के बाद इसे विधानसभा की लोक लेखा समिति में भेजी जाती थी. कांग्रेस को इस पर आपत्ति थी.
विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस लगातार कैग की रिपोर्ट के आधार पर जांच की मांग करती रही है, लेकिन हर बार सरकार लोक लेखा समिति का हवाला देकर मामले को टाल देती थी.
कांग्रेस सरकार ने इस व्यवस्था को बदलते हुए कैग की अनुशंसा के मुताबिक इओडब्ल्यू से जांच करा रही है. बताया जाता है कि जांच के बाद इओडब्ल्यू की रिपोर्ट को लोक लेखा समिति की बैठक में रखा जाएगा.
परेशानी यहीं पर है. कैग की रपट में जिस पुलिस हाऊसिंग निगम लिमिटेड की कलई खोली गई है उसका दायित्व डीएम अवस्थी के पास है. कांग्रेस सरकार ने जिस ईओडब्लू को जांच का जिम्मा सौंपा है उसका भी दायित्व डीएम अवस्थी के पास ही है.
इससे साफ पता चलता है कि डीएम अवस्थी के एक विभाग में हुई गड़बडिय़ों की जांच डीएम अवस्थी का दूसरा विभाग कर रहा है. क्या वाकई जांच हो रही है? अथवा गोलमाल हो रहा है.