बिलासपुर हाईकोर्ट में एक ऐसा फैसला दिया है जो कि कांग्रेस को परेशान कर सकता है जबकि भाजपा इससे राहत महसूस करेगी. दरअसल बस्तर की झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में अपने नेताओं की जान गंवाने वाली कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री, तत्कालीन गृहमंत्री को गवाही के लिए बुलाने का आवेदन न्यायिक आयोग के समक्ष दिया था. दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने 4 जनवरी को फैसला सुरक्षित रखा था. 25 मई 2013 को हुए नक्सली हमले में गवाहों के रूप में बुलाने के कांग्रेसी आवेदन को आयोग ने खारिज कर दिया है. कांग्रेस की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने यह आवेदन लगाया था.