नेशन अलर्ट. रायपुर
1989 बैच के आईपीएस अफसर अशोक जुनेजा कांग्रेस सरकार में दंडित हुए हैं या उन्हें पुरस्कृत किया गया है? यह सवाल इसलिए गंभीर हो जाता है क्यूंकि खुफिया पुलिस प्रमुख रहते हुए जुनेजा ने वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जुड़े मामले का सुपर विज़न किया था.
प्रदेश की भाजपा सरकार में अशोक जुनेजा ताकतवर अफसर माने जाते थे. उनके पास गुप्त वार्ता के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) की जिम्मेदारी थी.
राजनीति अथवा पुलिस को जानने वाले इस तथ्य से बेहद अच्छे से वाकिफ हैं कि गुप्त वार्ता का प्रभार उसी अफसर को मिलता है जो मुख्यमंत्री का बेहद नजदीकी होता है.
सीडी कांड का सुपरविजन किया था
उल्लेखनीय है कि एडीजी जुनेजा ने ही उस सीडी कांड का सुपर विजन किया था जो कि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत से कथित तौर पर जुड़ी हुई बताई जाती है.
अमूमन ऐसे मामले सीआईडी के हवाले होते हैं लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ था. सीआईडी से परे जाकर इसके सुपर विजन की जिम्मेदारी तत्कालीन सरकार द्वारा अशोक जुनेजा को सौंपी गई थी.
एडीजी जुनेजा के ही निर्देश पर क्राईम ब्रांच के प्रभारी अजातशत्रु दौड़भाग करते रहे थे. जुनेजा के ही निर्देश थे कि कब कहां छापा डाला जाए कब किसकी गिरफ्तारी की जाए.
उन्हीं के निर्देश पर क्राईम ब्रांच की टीम ने गाजियाबाद में विनोद वर्मा के घर पर सुबह-सुबह दबिश दी थी. जुनेजा के ही इशारे पर पहले विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई और बाद में मामला वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंच गया.
डीजी स्तर के एक पुलिस अधिकारी के शब्दों में एडीजी जुनेजा इससे कहीं आगे जाकर भूपेश बघेल को गिरफ्तार करने की तैयारी में थे लेकिन वह अवसर चूक गए. उनकी इसी चूक के बाद मामले ने भाजपा-कांग्रेस को सामने ला दिया.
सरकार बदली लेकिन नहींं पड़ा प्रभाव
तो क्या 89 बैच के जुनेजा सरकार बदलने के बावजूद अप्रभावित रहे हैं? दरअसल, उनके पास पहले गुप्त वार्ता का प्रभार था जो कि सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ था.
अब जबकि कांग्रेस सरकार ने कार्यभार शुरु किया है तो जुनेजा पहले से कही ज्यादा पॉवरफूल हो गए हैं. 17 दिसंबर को शपथ लेते ही भूपेश बघेल ने चार सीनियर आईपीएस के प्रभार में फेरबदल किया था.
इसमें डीएम अवस्थी (1986), संजय पिल्ले (1988), मुकेश गुप्ता (1988) के अलावा जो चौथा नाम था वह अशोक जुनेजा का था.
कांग्रेस सरकार ने जुनेजा को प्रशासन के अलावा सशस्त्र बल, स्पेशल टास्क फोर्स सहित प्रशिक्षण का अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बना दिया है. इसमें प्रशासन व एसटीएफ दमदार प्रभार माने जाते हैं.
तो क्या एडीजी जुनेजा कांग्रेस सरकार में भी पुरस्कृत हो गए हैं? रमन राज में खुफिया पुलिस संभालने वाले जुनेजा क्या भूपेश राज में भी उतने ही दमदार हैं..?