नेशन अलर्ट/रायपुर।
इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला अब भाजपा के लिए गले की हड्डी बनते जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मामले में भाजपा, उसके मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है। बघेल का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने गरीबों का पैसा खाया है। आरोप इतना तगड़ा है कि यह आने वाले दिनों में चुनावी मुद्दा बन सकता है।
वर्षं 2006-07 में इंदिरा प्रियदर्शनी सहकारी बैंक चर्चा में आया था। तब इस बैंक पर 54 करोड़ रुपए डकारने का आरोप लगा था। यह राशि उन गरीब खातेदारों की थी जिन्होंने अपना पेट काटकर एक-एक रुपए बैंक में जमा कराए थे। बैंक प्रबंधक रहे उमेश सिन्हा का जो नार्काे टेस्ट हुआ था अब वही भाजपा के लिए परेशानी खड़ी किए जा रहा है।
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भूपेश बघेल इस मामले में भाजपा को घेरने का कोई अवसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। भाजपा के मंत्रियों के साथ-साथ चूंकि मामले में मुख्यमंत्री का नाम जुड़ा हुआ है इस कारण भी हो सकता है भूपेश मामले में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। चाहे जो कुछ भी हो लेकिन भूपेश के सवाल भाजपा को निरुत्तर किए जा रहे हैं।
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भूपेश पूछते हैं कि नार्काे टेस्ट की सीडी आखिर गई कहां थी? इसके अलावा बघेल यह सवाल भी उठाते हैं कि इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द क्यूं नहीं किया गया? भूपेश एक और सवाल पूछते हैं कि उन अधिकारियों पर क्या कोई कार्रवाई की गई जिन्होंने मामले में नार्काे टेस्ट की सीडी को न्यायालय तक नहीं जाने दिया?
ये कुछ ऐसे सवाल थे जिन पर प्रदेश के अलावा मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव का चुनाव भी जुड़ा हुआ है। भूपेश के अलावा इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी व मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहीं करुणा शुक्ला भी मुखर हैं। मतलब साफ है कि राजनांदगांव से लेकर रायपुर तक कांग्रेस इस मसले को चुनावी मुद्दा मानकर चल रही है। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि मुख्यमंत्री ने गरीबों का पैसा खाया है।