रायपुर/राजनांदगांव।
झारखंड पुलिस को मिली एक सफलता अब छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए कारगार हो सकती है। दरअसल, रांची पुलिस ने गत दिनों नक्सलियों के पैसे और सहयोग के दम पर तेंदूपत्ता ठेका लेने वाले एक ऐसे व्यापारी को गिरफ्तार किया है जिसके संबंध राजनांदगांव से भी हैं।
उल्लेखनीय है कि रांची (झारखंड) में माओवादी संगठन संभाल रहे सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण और उसकी पत्नी माधवी का पैसा निवेश करने वालों पर रांची पुलिस ने शिकंजा कसा था। सुधाकरण के भाई बी नारायण, उसके बिजनेस पार्टनर सत्यनारायण रेड्डी और सुधाकरण के द्वारा लेवी के पैसे खंपाने वाले सत्यनारायण के सहयोगी जुबैर, उसके भाई राजा रेड्डी, सहयोगी जीवन संदुकला, संतोष लिंगम और कृष्णा रेड्डी के ठिकानों पर रांची पुलिस ने छापा मारा था।
नांदगांव के ठेकेदार का सहयोगी रह चुका है सत्यनारायण
बताया जाता है कि सत्यनारायण का संबंध और संपर्क राजनांदगांव से भी है। उसका नांदगांव के एक प्रमुख तेंदूपत्ता ठेकेदार से व्यवसायिक रिश्ता रहा है। मतलब साफ है कि उक्त रिश्ता निभाने वाला नांदगांव का ठेकेदार कहीं न कहीं नक्सलियों का मददगार भी है। उक्त ठेकेदार के संबंध में यह भी बताया जाता है कि उसने वर्ष 2016 में झारखंड में तेंदूपत्ता का ठेका लिया था और इस साल पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बालाघाट में उसने काम किया था।
बालाघाट में काम करने के दौरान यह ठेकेदार विवादों में भी आया था। हालांकि तब किसी तरह उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन अब जैसे जैसे उसके रिश्ते उजागर हो रहे हैं वैसे वैसे वह नक्सली मददगार के रुप में चर्चित हो रहा है। हालांकि अब तक पुलिस ने उससे पूछताछ भी की है लेकिन उस पर निगाह रखी जा रही है यह बताया जाता है।