साढे़ तीन सौ ट्रकों के मालिक लाखों का नुकसान क्यूं झेल रहे ?

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नारायणपुर.

ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन से जुडे़ साढे़ तीन सौ ट्रकों के मालिक काफी समय से लाखों का नुकसान झेल रहे थे. जब उनकी परेशानी की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया तो वह हड़ताल पर उतर आए. क्षेत्र के विधायक और मँत्री ने अंततः हस्तक्षेप करके हड़ताल खत्म करवाई है.

उनकी प्रमुख मांगों में नारायणपुर जिले को 80 फीसद के अनुपात में लोडिंग दिया जाना शामिल था. नारायणपुर जिले के ट्रकों के लिए अनिवार्य रूप से आरसी
ऑफर करने की भी माँग थी.

इसके अतिरिक्त रायपुर के लिए 1325 रुपए प्रति टन तथा गिधली के लिए 1090 रुपए प्रति टन भाड़ा सेट कराना चाह रहे थे. टोल प्लाज़ा की परेशानी सहित सुरक्षा के दृष्टिकोण से नारायणपुर में ही गेटपास कटना आवश्यक हो ऐसी वह माँग कर रहे थे.

संघ ने यह भी मांग की थी कि लोडिंग के बाद नैतिकता समिति और नारायणपुर परिवहन संघ के लोडिंग के बाद बाकी हिस्सों को लोडिंग की मात्रा दी जाए.इसके अलावा बोल्ट का भुगतान कट के 35 दिन के अंदर किया जाए.

नारायणपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन, स्मॉल डोंगर ट्रांसपोर्ट कमेटी, स्वास्तिक ऑटोमोबाइल और निको टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच मामला उलझा हुआ था.
समस्या के समाधान के लिए नारायणपुर ट्रक यूनियन में माइनिंग कंपनी और स्वास्तिक ट्रांसपोर्टर के खिलाफ ट्रांसपोर्ट बंद करने और हड़ताल का फैसला लिया गया.

चार दिनों के संवाद के बाद नारायणपुर के स्थानीय विधायक और छत्तीसगढ़ शासन के कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप के साथ बैठक हुई. ट्रांसपोर्ट यूनियन ने अपने विचार रखे. निको मैनेजमेंट के प्रमुखों से बात कर जल्द ही इसे हल कर दिया.

नारायणपुर जिला प्रशासन के अधिकारी संयुक्त मजिस्ट्रेट, उप पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी की एक चार सदस्यीय बैठक हुई, जिसमें आगामी 20 अक्टूबर तक सहमति बनी. निर्णय मुताबिक अब नारायणपुर जिले में 80 फीसद अनुपात में लोडिंग दी जाएगी. यह व्यवस्था आगामी 20 अक्टूबर तक लागू की जाएगी.

बैठक में यह भी तय हो गया है कि इस प्रक्रिया से लोडिंग का कार्य जारी रहेगा. 20 अक्टूबर को आयोजित एक और बैठक में बाकी बचे मुद्दों का समाधान निकाला जाएगा. इसके लिए एग्रीमेंट को तरजीह दी गई.

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